पेंशन पर रार
लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर जीवन-यापन के लिए खाने से सजी थाली की तरह विभिन्न स्रोतों से होने जरूरी है।
पेंशन पर रार |
इसके लिए स्वाभाविक पसंद विकसित करना जरूरी है। पेंशन कोष विनियामक व विकास प्राधीकरण के चेअरमैन दीपक मोहंती ने एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) दिवस के मौके पर यह कहा। लंबी अवधि तक निवेश करके चक्रवृद्धि का लाभ उठाकर सेवानिवृत्ति का बढ़िया स्रोत बनाने की भी बात की।
उन्होंने कहा लोग जब चालीस के उससे ज्यादा हो जाते हैं, तब वे पेंशन के बारे में सोचते हैं। मगर तब तक देर हो चुकी होती है। मोहंती ने कहा लोग कहते हैं, मेरे खाते में पैसा है। मेरे पास संपत्ति है, लेकिन मेरा मानना है, पैसा हर जगह लगाना चाहिए। क्योंकि निश्चित आय जरूरी है।
उन्होंने उदाहरण दिया, थाली में चपाती, चावल, दाल, एक-दो सब्जी, सलाद आदि हो तो अच्छा लगेगा। वे ये बातें ऐसे वक्त में कर रहे थे, जब पुरानी पेंशन की बहाली के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में देश भर से आए लाखों कर्मी प्रदर्शन कर रहे थे। वे केंद्र पर पुरानी पेंशन लागू करने का दबाव लंबे समय से बना रहे हैं। इसमें सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के साथ उनके परिजन भी शामिल थे। सरकारीकर्मियों का मानना है कि उन्हें मिलने वाली पेंशन कम है।
हालांकि सरकार की विभिन्न योजनाओं में अब गैरसरकारी लोगों के लिए भी सेवानिवृत्ति आय की सुविधाएं हैं। जैसा कि मोहंती ने कहा, नौकरी के दरम्यान या युवावस्था में ही यदि इन योजनाओं में बचत का कुछ अंश नियमित डाला जाता रहे तो वृद्धावस्था के दरम्यान विभिन्न स्रोतों से आय के साधन बने रह सकते हैं। हालांकि अभी भी अपने यहां आमजन में अपनी बचत को विभिन्न योजनाओं की बजाए बैंक खातों से मिलने वाले ब्याज को ही आय में जोड़ता है।
यह सच है कि विभिन्न स्रोतों के माध्यम से होने वाली आय वृद्धावस्था में बेहतर जीवन-यापन व स्वास्थ्यगत सुविधाओं के लिए सहायक साबित हो सकती है। मांग करने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी यह समझना चाहिए कि देश का बड़ा वर्ग आज भी तमाम सुविधाओं से वंचित है। सरकारी खजाने पर पहले ही पेंशन का काफी बोझ है। ऐसे में यदि वे भी आमजन की भांति विभिन्न अन्य योजनाओं में निवेश करने की पहल करेंगे तो निश्चित तौर पर आमदनी बेहतर रूप से बढ़ सकेगी।
Tweet |