Cyclone Dana: ओडिशा के CM माझी का चक्रवात दाना के बाद की स्थिति पर नजर, बोले- कोई हताहत नहीं, हवाई-रेल सेवा बहाल

Last Updated 25 Oct 2024 01:23:58 PM IST

साइक्लोन ‘दाना’ शुक्रवार को सुबह 12.10 बजे ओडिशा के तट से टकराया। तूफान दाना का असर पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा तक में दिख रहा है।


ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के राजीव भवन में चक्रवात दाना के बाद की स्थिति पर नज़र रखना शुरू कर दिया है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को दावा किया कि भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण राज्य में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है और इस तरह हमारा ‘शून्य मानवीय क्षति मिशन’ सफल रहा।

ओडिशा के तट पर भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के पहुंचने की प्रक्रिया गुरूवार देर रात शुरू होकर शुक्रवार सुबह पूरी हो गई। ‘दाना’ को ओडिशा तट पर पहुंचने में साढ़े आठ घंटे का समय लगा।

माझी ने सुबह यहां चक्रवात की स्थिति की समीक्षा की और बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

माझी ने घोषणा की, “चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने की कोई सूचना नहीं है। सभी के सहयोग से हमारा ‘शून्य मानवीय क्षति मिशन’ सफल रहा है।” उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती प्रणाली बनने से पहले ओडिशा सरकार ने ‘शून्य मानवीय क्षति’ का लक्ष्य रखा था और तैयारी के पहले दिन से ही उस दिशा में काम किया गया।

माझी ने कहा कि बहुमूल्य मानव जीवन को बचाने के लिए लगभग छह लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

उन्होंने मंत्रियों, विधायकों, अन्य जनप्रतिनिधियों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRAF), अग्निशमन सेवा, ओडिशा पुलिस की बचाव टीम, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मीडिया और अन्य सहित सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हुए कहा, “भगवान जगन्नाथ की कृपा और सभी के सहयोग से सरकार मानव जीवन बचाने में सफल रही है।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि चक्रवाती तूफान के कारण उखड़े हुए पेड़ों से अवरुद्ध सभी सड़कें शुक्रवार दोपहर एक बजे तक साफ कर दी जाएंगी क्योंकि बचाव दल के कर्मियों ने बृहस्पतिवार रात हवा की तीव्रता कम होते ही काम शुरू कर दिया था।

माझी ने कहा कि तूफान के कारण बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर जैसे कई विद्युत प्रतिष्ठान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और उनकी मरम्मत की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 1,600 नवजात बच्चे और उनकी माताएं स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 4,431 गर्भवती महिलाओं को नजदीकी स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में पहुंचाया, जहां 1,600 बच्चों का जन्म हुआ। उन्होंने कहा, “मुझे यह बताते हुए हुए खुशी हो रही है कि सभी 1600 नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य अच्छा है और उनकी माताएं भी ठीक हैं।”

माझी ने कहा कि चक्रवाती तूफान ‘दाना’में हवा की रफ्तार अब कम हो गई है और यह क्योंझर जिले के आनंदपुर की ओर बढ़ रहा है। इसके बाद यह ढेंकनाल और अंगुल जिले की ओर जाएगा।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पत्रकारों को बताया कि यहां बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों का परिचालन बहाल हो गया है और पहली उड़ान सुबह करीब नौ बजे के आस पास उतरी।

हवाई अड्डा निदेशक प्रसन्न प्रधान ने बताया कि हवाई अड्डा प्राधिकरण ने शुक्रवार को सुबह नौ बजे तक उड़ान परिचालन स्थगित करने का फैसला किया था, लेकिन मौसम सामान्य होने पर परिचालन सुबह आठ बजे ही शुरू कर दिया गया।

पूर्व तटीय रेलवे (ECOR) ने एक बयान में कहा कि उसके अधिकार क्षेत्र में पहले रद्द की गई ट्रेन को छोड़कर, बाकी ट्रेन निर्धारित समय के अनुसार चलने लगीं।

ईसीओआर ने चक्रवात ‘दाना’ के कारण एहतियात के तौर पर 203 ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया था। प्रतिष्ठान के एक अधिकारी ने बताया कि विशाखापत्तनम, हावड़ा और खड़गपुर से भुवनेश्वर आने वाली ट्रेनों ने परिचालन शुरू कर दिया है।

ईसीओआर ने कहा कि खड़गपुर-विशाखापत्तनम मार्ग पर एक ट्रेन दोपहर दो बजे भद्रक स्टेशन पहुंचेगी।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अधिसूचित रद्द ट्रेनों के सिवाय भुवनेश्वर और पुरी से चलने वाली ट्रेनें शुक्रवार को दोपहर बाद अपनी यात्रा शुरू करेंगी।

आईएमडी ने कहा कि गंभीर चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के पहुंचने की प्रक्रिया शुक्रवार सुबह पूरी हो गई और प्रणाली को भूमि क्षेत्र में प्रवेश करने में कम से कम साढ़े आठ घंटे का समय लगा।

आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने बताया, ‘‘‘दाना’ का बृहस्पतिवार देर रात 12 बजकर पांच मिनट पर पहुंचना शुरू हुआ और प्रक्रिया पूरा होने में करीब साढ़े आठ घंटे लगे। यह प्रक्रिया शुक्रवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे पूरी हुई।’’ उन्होंने कहा कि 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंचा ‘दाना’ तूफान कमजोर होकर चक्रवाती तूफान बन गया है।

चक्रवात सुबह साढ़े आठ बजे धामरा से लगभग 50 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपश्चिम में तथा भद्रक शहर से 30 किलोमीटर उत्तर पूर्व में केन्द्रित था।
 

भाषा
भुवनेश्वर


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