अमेरिका में जाह्नवी की मौत : संवेदनहीनता का चरम
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की जाह्नवी कंडुला (Jahnvi Kandula) की मौत जनवरी में सड़क दुर्घटना के दौरान अमरीका में हो गई थी। अब आठ महीनों बाद इस दर्दनाक हादसे पर मजाक बनाते हुए ठहाका लगाते पुलिस वाले का वीडियो वायरल होते ही मामले ने फिर तूल पकड़ लिया।
संवेदनहीनता का चरम |
भारत की कड़ी आपत्ति के बाद अमेरिका ने इस पर निष्पक्ष जांच का वादा किया। स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 23 साल की कंडुला नार्थइस्टन यूनीवर्सिटी की छात्रा थी। रिपोर्टस के अनुसार वह सड़क पार कर रही थी, तभी तेज रफ्तार कार की चपेट में आ गई, जिसे पुलिसकर्मी केविन डेव चला रहा था। सियेटल पुलिस ऑफीसर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष डेनियल ऑडरर को एक वीडियो में सुना जा सकता है, जो कह रहा है कि वह मर चुकी है।
उसे आम शख्स कहते हुए सिर्फ ग्यारह हजार डॉलर देने की बात के साथ हंस रहा है। इस दर्दनाक वीडियो के वायरल होते ही भारतीयों की कड़ी प्रतिक्रियाएं आई और वहां के भारतीय दूतावास ने इसे परेशान करने वाला बताया। इस मामले को वाशिंगटन डीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष तुरंत दृढ़ता से उठाया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जिम्मेदार पुलिसवालों को न्याय के कठघरे में लाने का आासन भी दिया। इस दुर्घटना में दो चीजें ध्यान खींचती हैं।
लापरवाही से की जाने वाली ड्राइविंग, दूसरा और अहम मसला है नस्लवाद का। गैरअमेरीकियों के साथ भेदभाव जारी है। उनके साथ नस्लीय टिप्पणी ही नहीं की जाती बल्कि मार-पीट भी खूब होती है। अेतों व एशियाइयों पर भी उनके ये हमले जारी रहते हैं। हम अपने यहां धर्म/जातियों को लेकर होने वाले भेदभाव पर जब-तब टेसू बहाते हैं। अतिसमृद्ध और दुनिया में खुद को आदर्श के तौर पर पेश करने वाले समाज में जब सार्वजनिक तौर पर इस तरह की नस्लीय टिप्पणियां होती हैं तो शर्मिदगी का अहसास होता है।
स्तब्ध करने वाली इस घटना पर न्याय मिल भी जाए तो परिवार के नुकसान की भरपाई तो नामुमकिन है। मगर उन ढेरों नौजवानों व उनके परिजनों को ढांढस जरूर मिल सकता है, जिन्हें भविष्य संवारने के लिए अमेरिका जैसे मुल्कों में जाना है। साथ ही अमेरिकी सरकार व न्याय पण्राली के लिए दुनिया के सामने मानक तय करने व अपनी धूमिल हुई छवि को सुधारने का मौका भी होगा।
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