PM Modi Mann Ki Baat: पीएम मोदी बोले, Animation की दुनिया में भारत नई क्रांति करने की राह पर
PM Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 115वें एपिसोड में एनिमेशन सेक्टर को भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया। पीएम के मुताबिक एनिमेशन और गेमिंग ने तरक्की की राह पर हमें आगे बढ़ा दिया है।
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प्रधानमंत्री ने देशवासियों से दिवाली पर वोकल फॉर लोकल रहने की सलाह भी दी और आत्मनिर्भर भारत की सुनहरी तस्वीर पेश की। इस दौरान पीएम ने एनिमेशन सेक्टर की ताकत से भी रूबरू कराया।
पीएम मोदी ने कहा, एनिमेशन सेक्टर आज एक ऐसी इंडस्ट्री का रूप ले चुका है जो दूसरी इंडस्ट्री को ताकत दे रहा है। जैसे इन दिनों वीआर टूरिज्म के जरिए आप वर्चुअल टूर करके अजंता की गुफा देख सकते हैं, वाराणसी के घाटों का आनंद ले सकते हैं, कोणार्क मंदिर के कॉरिडोर में टहल सकते हैं। ये सभी वीआर एनिमेशन भारत के क्रिएटर्स ने तैयार किए हैं।
पीएम ने कहा, स्मार्ट फोन से लेकर सिनेमा स्क्रीन तक, गेमिंग कंसोल से लेकर वर्चुअल रियलिटी तक, एनिमेशन हर जगह मौजूद है। एनिमेशन की दुनिया में भारत नई क्रांति करने की राह पर है। भारत के गेमिंग स्पेस का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। इंडियन गेम्स भी इन दिनों दुनिया भर में पॉपुलर हो रहे हैं।
पीएम ने कहा, एनिमेटर्स के साथ ही इस सेक्टर में आज गेम डेवलपर, स्टोरी टेलर, वॉइस ऑवर कलाकारों की मांग भी बढ़ती जा रही है। इसी के चलते पीएम मोदी ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा, अपनी क्रिएटिविटी को विस्तार दें, क्या पता दुनिया का अगला सुपरहिट एनिमेशन आपके कंप्यूटर से निकले, अगला फेमस गेम आपका बनाया हुआ हो सकता है। 28 अक्टूबर को वर्ल्ड एनीमेशन डे मनाया जाएगा। हम भारत को ग्लोबल एनिमेशन पावर हाउस बनाने का संकल्प लेते हैं।
मन की बात में पीएम मोदी ने टॉप गेमर्स के साथ हुई मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के दौरान मुझे इंडियन गेम्स की अद्भुत क्रिएटिविटी और क्वालिटी को जानने-समझने का मौका मिला। वाकई देश में क्रिएटिव एनर्जी की एक लहर चल रही है। एनिमेशन की दुनिया में मेड इन इंडिया और मेड बाय इंडियंस छाया हुआ है।
देशवासियों को 'डिजिटल अरेस्ट' से चेताया, 'रुको-सोचो-एक्शन लो' का दिया मंत्र
पीएम मोदी ने देशवासियों को 'डिजिटल अरेस्ट' को लेकर सजग रहने की नसीहत दी। उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के लिए 'रुको-सोचो-एक्शन लो' का मंत्र भी दिया है।
पीएम मोदी ने 'डिजिटल अरेस्ट' के बारे में बताने से पहले इससे जुड़ा एक वीडियो दिखाया, जिसके माध्यम से उन्होंने बताया कि 'डिजिटल अरेस्ट' की घटनाएं कैसे होती हैं। उन्होंने बताया कि फ्रॉड करने वाले पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स या आरबीआई के अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं। इस खतरनाक खेल समझना और समझाना बहुत जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल अरेस्ट का फरेब करने वालों के बारे में कहा कि उनका पहला दांव होता है कि ये आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी जुटा कर रखते हैं। उनका दूसरा दांव भय का माहौल पैदा करने का होता है। यह फोन कॉल पर इतना डरा देंगे कि आप कुछ सोच ही नहीं पाएंगे। वहीं फ्रॉड करने वालों का तीसरा दांव समय का अभाव दिखाते हैं, ये इतना मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते हैं कि इंसान डर जाता है और डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार हर उम्र के लोग हो रहे हैं और डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गंवा रहे हैं। ऐसे में कभी भी आपको इस तरह के कॉल आए तो डरना नहीं है। आपको पता होना चाहिए कि कोई भी जांच एजेंसी फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से इस तरह पूछताछ कभी नहीं करती।
पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए तीन चरणों के बारे में बताया। उन्होंने 'रुको-सोचो-एक्शन लो' का मंत्र समझाया। बोले, पहले चरण में रुकना चाहिए और व्यक्तिगत जानकारी नहीं साझा करनी चाहिए। अगर, संभव हो तो स्क्रीनशॉट या रिकॉर्डिंग कर लेनी चाहिए।
दूसरे चरण में सोचना और समझना चाहिए कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर ऐसे धमकी कभी भी नहीं देती और वीडियो कॉल से पूछताछ करके पैसे की मांग नहीं करती। अगर डर लगे तो समझिए कि कुछ गड़बड़ है। वहीं तीसरे चरण में ऐसे फ्रॉड पर एक्शन लेना चाहिए। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर डायल करके इसकी सूचना देनी चाहिए और 'साइबरक्राइम.जीओवी.इन' मेल पर रिपोर्ट करनी चाहिए।
लद्दाख में -30 डिग्री तापमान में स्थापित टेलीस्कोप
उन्होंने देश और दुनिया में भारत के बढ़ते हुए रुतबे, लोगों की पहुंच, उन्नति, आत्मनिर्भर भारत के अभियान के तहत की गई अतुलनीय वृद्धि को रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने अक्टूबर में लद्दाख में 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित एशिया के सबसे बड़े ‘इमेजिंग टेलीस्कोप मेस’ का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “अब आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक जन अभियान बन रहा है। यह अभियान हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर रहा है। जैसे इसी महीने लद्दाख के हानले में हमने एशिया की सबसे बड़ी ‘इमेजिंग टेलीस्कोप मेस’ का भी उद्घाटन किया है। ये 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ‘मेड इन इंडिया' है।”
उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भरता हमारी सिर्फ पॉलिसी ही नहीं, यह हमारा पैशन बन गया है। इस योजना को शुरू किए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। आप 10 साल पहले चले जाइए, तब अगर कोई कहता था कि किसी जटिल तकनीक को भारत में विकसित करना है, तो लोगों को विश्वास नहीं होता था। कई लोग इसका उपहास उड़ाते थे। लेकिन आज वही लोग, देश की सफलता को देखकर अचंभे में पड़े रहते हैं।”
उन्होंने कहा, “लद्धाख एक ऐसी जगह है, जहां ठंड -30 डिग्री सेंटीग्रेड से भी अधिक है। यहां ऑक्सीजन की कमी है। इसके बावजूद हमारे वैज्ञानिकों और स्थानीय उद्योग ने वो कर दिखाया, जो एशिया के किसी और देश ने नहीं किया। लद्दाख में स्थापित हान्ले टेलिस्कोप भले ही दूर की दुनिया देख रहा हो, लेकिन ये हमें आत्मनिर्भर भारत की ताकत भी दिखा रहा है। हम आत्मनिर्भर भारत से दुनिया में अग्रणी बन रहे हैं।”
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