कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आने के बाद स्वदेश लौटे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी

Last Updated 03 Nov 2020 04:30:34 PM IST

कोविड-19 महामारी के डर के कारण जर्मनी में सारलॉरलक्स ओपन से हटने और फिर पृथकवास पर रहने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कोरोना वायरस के दूसरे परीक्षण में नेगेटिव आने के बाद मंगलवार को स्वदेश लौट गये।


इन खिलाड़ियों में लक्ष्य सेन भी शामिल हैं जो अपने खिताब का बचाव करने के लिये जर्मनी गये थे लेकिन उनके पिता और कोच डी के सेन के वायरस के लिये पॉजीटिव पाये जाने के बाद उन्हें सारब्रूकेन में सारलॉरलक्स ओपन से हटना पड़ा था।         

विश्व के पूर्व नंबर 13 अजय जयराम और 2018 के विजेता शुभंकर डे को भी इस सुपर 100 टूर्नामेंट से हटने के लिये मजबूर होना पड़ा तथा सीनियर सेन के संपर्क में आने के कारण उन्हें भी पृथकवास पर रख दिया गया था। इन दोनों ने डेनमार्क ओपन के बाद पैसे जुटाकर जर्मन ओपन में भाग लिया था।     

लक्ष्य, जयराम, शुभंकर और फिजियो अभिषेक वाघ को टूर्नामेंट से पहले नेगेटिव पाया गया था।     

भारतीय दल ने पांच दिन पृथकवास में बिताये जिसके बाद उनका फिर से परीक्षण किया गया। यह परीक्षण नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें स्वदेश लौटने की अनुमति मिली। लक्ष्य, उनके पिता और फिजियो बेंगलुरू पहुंचे जबकि शुभंकर और जयराम ने फ्रैंकफर्ट से दिल्ली की उड़ान पकड़ी।     

डी के सेन ने कहा, ‘‘हम सुबह पांच बजे बेंगलुरू में अपने घर पहुंच गये। हम सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मेरा परीक्षण पॉजीटिव आने के बाद हम पृथकवास पर थे। जर्मन अधिकारियों ने एक नवंबर को हम पांचों का दूसरा परीक्षण किया और सौभाग्य से परिणाम नेगेटिव आया और हम तुरंत ही स्वदेश लौट गये।’’    

लक्ष्य और शुभंकर को टूर्नामेंट के पहले दौर में बाइ मिली थी जबकि जयराम ने अपने पहले दौर का मैच जीता था लेकिन कोविड-19 के डर के कारण टूर्नामेंट में भारतीय अभियान का दुर्भाग्यपूर्ण अंत हो गया। भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने भी खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ का सहयोग करने वाले सभी हितधारकों का आभार व्यक्त किया।     

बीएआई ने कहा, ‘‘भारतीय शटलर और सहयोगी स्टाफ अब सात दिन तक घर में ही पृथकवास पर रहेंगे। ’’    

अब जनवरी तक कोई टूर्नामेंट नहीं है इसलिए लक्ष्य कुछ दिनों के लिये अपने गृहनगर अल्मोड़ा लौट जाएंगे। इससे पहले जयराम ने खेल मंत्री किरेन रीजीजू, राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ और अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ से मदद मांगी थी। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने तुरंत ही आासन दिया था कि वह दोनों खिलाड़ियों (जयराम और शुभंकर) के पृथकवास के दौरान के खर्चे को वहन करेगा। 

भाषा
नई दिल्ली


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