नोयडा में शुरू हुए एडवांस ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम में 20 प्रतिशत ही पास हो रहे हैं आवेदक

Last Updated 11 Aug 2024 10:02:43 AM IST

जिले में प्रदेश का पहला निजी ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र बिसाहड़ा में एक अगस्त से शुरू तो हो गया है, लेकिन लोगों के सामने व्यवहारिक दिक्कतें बहुत आ रही हैं।


नोयडा में शुरू हुआ एडवांस ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम

हालांकि  यहां पर एडवांस ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम व ट्रैक स्थापित किए गए हैं। ट्रैक पर सेंसर युक्त कैमरे भी लगे हैं। इनकी सहायता से टेस्ट के दौरान आवेदकों कीऑनलाइन निगरानी भी होती रहती है। स्थिति यह है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए शुरू एडवांस ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम व ट्रैक की नई व्यवस्था में 80 प्रतिशत लोग फेल हो रहे हैं। क्योंकि मानकों के अनुसार ड्राइविंग करने पर ही आपको लाइसेंस जारी होता है। गलत वाहन चलाने पर आपका लाइसेंस रद हो जाता है। ड्राइविंग ट्रैक की गतिविधि एआरटीओ, आरटीओ से लेकर उपायुक्त व आयुक्त स्तर तक के शीर्ष अधिकारी एक क्लिक पर देख सकते हैं।

पुरानी व्यवस्था की तुलना में प्रतिदिन बनने वाली डीएल की संख्या में भी 97 प्रतिशत की कमी आई है। इससे साबित हो गया है कि अब तक ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में खुलेआम मानकों का उल्लंघन हो रहा था। जानकारी के मुताबिक नई व्यवस्था में एक से सात अगस्त तक 134 लोगों ने स्थायी डीएल बनाने के लिए परीक्षा दी। इसमें से मात्र 27 लोग ही पास हो पाए। जहां पर पहले प्रतिदिन औसतन 125 डीएल बन रह थे। वहीं, अब यह आंकड़ा 19 पर सिमट गया है। नई व्यवस्था के साथ शुरू हुई यह लाइसेंस प्रणाली इसीलिए भी ज्यादा सटीक है क्योंकि इसका रिकार्ड भी स्टोर रहता है। ऐसे में किसी भी सामन्य परिस्थिति में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की जाती है। अभी तक की व्यवस्था में परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक (आरआइ) आपका ड्राइविंग टेस्ट लेते थे, लेकिन जिले में तय मानक वाला ट्रैक नहीं होने से ड्राइविंग दक्षता का पूरी तरह परीक्षण नहीं हो पाता था।

सड़क हादसों के प्रमुख कारणों में खराब ड्राइविंग एक है। नई व्यवस्था में जिस पूर्णता के साथ चालक को ड्राइविंग मानकों की कसौटी पर परखा जा रहा है। इससे ठीक से वाहन चलाने में सक्षम लोगों का ही डीएल बन पाएगा। साथ ही लोगों को ड्राइविंग के दौरान सामना करने वाले विपरीत परिस्थिति का भी आभास रहेगा। डीएल टेस्ट में शामिल होने से पहले लोग ठीक से प्रशिक्षण लेंगे। इससे चालक की गलती से होने वाले सड़क हादसों में काफी हद तक की आने की उम्मीद है। अब तक चली आ रही व्यवस्था में अक्सर परिवहन विभाग पर मानकों के अनुरूप टेस्ट के बिना डीएल बनाने के आरोप लगते रहे हैं। दलालों के बिना टेस्ट डीएल बनवाने के भी मामले सामने आते रहे हैं। अधिकारियों पर भी सांठगांठ के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन नई व्यवस्था में बाहरी व्यक्तियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो गई है। अब आम से लेकर खास हर व्यक्ति को ड्राइविंग ट्रैक पर मानकों के अनुसार वाहन चलाना ही पड़ेगा।

 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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