Bareilly Fake Encounter: फर्जी एनकाउंटर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर युद्धिस्टर सिंह को उम्रकैद, 31 साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा
यूपी के बरेली में 31 साल पहले हुए चर्चित लाली एनकाउंटर केस में सेवानिवृत्त दरोगा युधिष्ठिर सिंह को आजीवन कारावस की सजा सुनाई है।
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बरेली शहर का चर्चित मुकेश जौहरी उर्फ लाली एनकाउंटर केस में कोर्ट ने गवाहों और सबूतों के आधार पर तत्कालीन दरोगा (सब इंस्पेक्टर) युधिष्ठिर सिंह (Yudhishthir Singh) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है।
बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने 28 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह घटना साल 1992 की थी। जब तत्कालीन दरोगा युधिष्ठर सिंह ने एनकाउंटर में मुकेश जौहरी उर्फ लाली को मार दिया था।
कोर्ट ने मुकेश जौहरी उर्फ लाली की गौली मारकर हत्या करने वाले सेवानिवृत दरोगा युधिष्ठिर सिंह को हत्या के आरोप में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई।
लाली के परिजनों ने उसे इंसाफ दिलाने के लिए 5 साल तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। जिसके बाद मामले की जांच सीबीसीआईडी कराई गई। जांच से सामने आया कि एनगउंटर के समय दरोगा ड्यूटी पर नहीं था।
सीबीसीआईडी के शिकायत पर 20 नवंबर 1997 में दारोगा युधिष्ठिर सिंह के विरुद्ध हत्या और षड्यंत्र रचने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई।
दारोगा के बयान के अनुसार उसने लाली को सामने से गोली मारी। जबकि शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली के पीठ पर लगने का जिक्र था। जिससे साफ हो गया कि दारोगा ने गलत बयान दर्ज कराया था।
फैसला आतै ही लाली के परिवार ने खुशी जाहिर की लेकिन परिवार को एक मलाल है कि आज केस लड़ने वाले बड़े भाई और उनकी मां जिंदा होता तो ये खुशी दोगुनी हो गई होती।
उनके निथन के बाद इस मामले को उसके परिवार ने आगे बढ़ाया।
बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने 28 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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