व्यवसायी की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं भूमाफिया
उत्तर प्रदेश के भूमाफिया और अपराधी आज डरे हुए हैं। बहुत हद तक सरकार की सख्ती का असर भी दिख रहा है। बावजूद इसके अभी भी कुछ माफिया मनमानी करने पर उतारू हैं।
(सांकेतिक फोटो) |
ताजा मामला मथुरा जिले के छाता तहसील का है। यहां के एक व्यवसायी की जमीन पर कुछ भूमाफिया जबरदस्ती कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। पीड़ित व्यवसायी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर माफियाओं की जानकारी दे दी है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हो पाई है।
व्यवसाई गौरांग सिंघल पुत्र राजेंद्र प्रसाद सिंघल ने मथुरा जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग पर 12000 वर्ग मीटर जमीन रजिस्ट्री कराई थी। यह जमीन मथुरा जिले के छाता तहसील के गांव सेमरी में है। खसरा नंबर 575 की यह जमीन गौरांग सिंघल ने अपनी कंपनी मैं सनलाइट सोप्टेक प्राइवेट लिमिटेड, जीवन मंडी ,बेलनगंज, आगरा के नाम पर रजिस्ट्री कराई थी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस जमीन का फ्रंट लगभग 200 फुट है। इस जमीन पर गौरांग की कंपनी का कब्जा है। इसी जमीन से सटी भूस्वामी की अन्य जमीन शासन द्वारा अधिग्रहित की गई थी। जिसका मुआवजा भू स्वामियों ने प्राप्त कर लिया था।उसका जिक्र अभिलेखों में भी है।
प्रार्थी की उक्त जमीन को खरीदने के लिए गौतमबुध नगर जिले का, मकान संख्या- 34 लूकसार, कासना का रहने वाला सुरेंद्र सिंह पुत्र शिवदयाल और 91/10 ,निकट गोपाल जी मंदिर मनी चौमुहा, तहसील छाता निवासी, जितेंद्र सिंह पुत्र कैलाश चंद् एवं इनके अन्य साथी सतीश पोसवाल ने कई बार संपर्क किया था, लेकिन गौरांग सिंघल ने उन उन लोगों से साफ-साफ कह दिया था कि वह अपनी जमीन नहीं बेचेंगे। गौरांग के मना करने के बाद उन लोगों ने न सिर्फ धमकी दी बल्कि यहां तक कह दिया कि तुम किसी भी सूरत में यहां पर निर्माण नहीं कर सकते हो।
गौरांग ने उक्त जमीन पर बाउंड्री वॉल भी करा लिया था और यह मानकर बैठे थे, कि जब उन्होंने रजिस्ट्री करा ली है तो उस जमीन पर उन्हीं का हक हमेशा बना रहेगा। इसी बीच 29 मार्च को उन्हें जानकारी मिली कि धमकी देने वाले लोग उनके जमीन की बाउंड्री तोड़कर उस जमीन पर अन्य निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं। इस जानकारी के बाद गौरांग ने तुरंत 112 नंबर पर सूचना दे दी थी लेकिन पुलिस द्वारा ना तो उस सूचना का कोई संज्ञान लिया गया और ना ही कोई कार्रवाई की गई। इतनी बातें होने के बाद गौरांग को संदेह होने लगा कि कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला जरूर है। लिहाजा उन्होंने जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की। जिसके बाद पता चला कि उसी खसरा नंबर 575 पर ही काबिज मोहन श्याम पुत्र भीम सिंह एवं दीपचंद उर्फ पप्पू पुत्र भीम सिंह अपने आप को भूस्वामी बताते हुए यहां की कुछ जमीन रजिस्ट्री कर दी।
यह रजिस्ट्री 28 फरवरी 2023 को दर्शाई गई है। रजिस्ट्री करने वाले कथित भूस्वामी, हरिराम पुत्र भूलन सिंह निवासी गोवर्धन मथुरा माधव शर्मा पुत्र डोरी लाल निवासी बहरावली तहसील छाता को रजिस्ट्री के समय मौजूद बताया है। इन लोगों को गवाह बनाया है। इस रजिस्ट्री में गौरांग की कंपनी का भी जिक्र है।
कथित तौर पर इस फर्जी रजिस्ट्री में गौरांग की जमीन को राजमार्ग के पीछे बताया गया है। गौरांग का कहना है कि उन्होंने राजमार्ग स्थित इस जमीन को अपनी कंपनी के नाम से 2021 में ही है रजिस्ट्री करा करा ली थी। ऐसे में 2023 में उसी खसरे की जमीन की कैसे रजिस्ट्री कराई जा सकती है। गौरांग ने पत्र के ज़रिए मुख्यमंत्री को यह भी बताया है कि जमीन पर कब्जा करने वाले लोग भूमाफिया हैं। उन्हें राजनेताओं का सरंक्षण प्राप्त है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि भूमाफिया उनके परिवार को क्षति पहुंचा सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अतिशीघ्र कार्यवाई करवाने की मांग की है।
| Tweet |