किसान आंदोलन को बदनाम करने का भाजपा ने रचा षड्यंत्र : रामगोविंद
उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने दिल्ली ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी |
उन्होंने कहा कि किसानों के धरने के दौरान जो हुआ, वह भाजपा का षड्यंत्र है। आजमगढ़ के पीडब्ल्यूडी डाक बंगले में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है। उसकी मिलीभगत से किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया। दीप सिद्धू, जिसने तिरंगे के स्थान पर दूसरा झंडा बांधा, वह भाजपा का कार्यकर्ता था। किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की भाजपा ने साजिश रची है।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, सरकार के सारे अंग भी तानाशाह हो गए हैं। "एक दिन पूर्व हमारी पार्टी के विधायकों का अपमान कलेक्ट्रेट परिसर में किया गया, इस मुद्दे को हम विधानसभा में उठाएंगे।"
उन्होंने कहा, "हमारे नेताओं ने डीएम से मिलकर इंस्पेक्टर को दंडित करने की मांग की है। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम इस मामले को आगे तक ले जाएंगे। हमारे नेताओं, विधायक और पूर्व विधायक किसानों ने दुकानदारों की समस्या, मतदाता सूची की गड़बड़ी को लेकर डीएम से मिलने का समय लिया था। विधायक आलम बदी के पैर में चलने में दिक्कत थी तो वह शॉर्टकट रास्ते से जाना चाह रहे थे, लेकिन उनको जाने से रोक दिया गया। उनके साथ चल रहे विधायकों को भी रोककर उनके साथ बदसलूकी की गई। पूरे प्रदेश सपा की ओर से आंदोलन चलाया जा रहा है। किसान बिल को वापस लेने और एमएसपी की गारंटी तक हमारा यह आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि 26 जनवरी के दिन दिल्ली में जिस प्रकार से खूनी लाठीचार्ज किया गया उसको देखकर अंग्रेज भी सहम जाते।"
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए कुचक्र रची है। यह आजादी की तीसरी लड़ाई है। एक लड़ाई हमारे पुरखों ने लड़ी। गोली खाई, घर बार छोड़े और देश को आजाद कराया और एक लड़ाई आज चल रही है।
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