Nagpur Violence: नागपुर हिंसा के आरोपियों की खैर नहीं, पुलिस ने बनाईं 18 स्पेशल टीमें
महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हुई हिंसा के आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने 18 विशेष टीम गठित की हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
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सोमवार को हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 69 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। बृहस्पतिवार को तीसरे दिन भी शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू जारी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने 200 आरोपियों की पहचान कर ली है और सीसीटीवी फुटेज से अन्य संदिग्धों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सोमवार को गणेशपेठ और कोतवाली पुलिस थानों में पांच प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गईं, जिनमें 200 लोग नामजद हैं।
अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।
नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र कुमार सिंघल ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि गठित विशेष टीम में गणेशपेठ, कोतवाली और तहसील पुलिस थानों के साथ-साथ अपराध शाखा के कर्मी शामिल हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संदिग्धों की पहचान करने के लिए टीम साइबर प्रकोष्ठ के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
नागपुर हिंसा के सिलसिले में अब तक गिरफ्तार किए गए 69 लोगों में ‘माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एमडीपी) के नेता फहीम खान भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने पहले कहा था कि खान ने सोमवार को नागपुर पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन का कथित तौर पर नेतृत्व किया था।
पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि खान पहले भी बिजली चोरी और 2023-2024 में विरोध-प्रदर्शन समेत कई मामलों में आरोपी रहे हैं।
प्राथमिकी में कहा गया कि खान के नेतृत्व में 50 से 60 लोगों का एक समूह सोमवार को गणेशपेठ पुलिस थाने के बाहर अवैध रूप से इकट्ठा हुआ और एक दिन पहले हुए विश्व हिंदू परिषद के विरोध प्रदर्शन के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा।
इसके बाद, खान और आठ अन्य लोग भालदारपुरा इलाके में पहुंचे जहां शिवाजी महाराज चौक के पास अल्पसंख्यक समुदाय के 500 से 600 लोग इकट्ठा हुए थे। एक अधिकारी ने बताया कि बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
यह पूछे जाने पर कि क्या खान हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है? सिंघल ने बुधवार को कहा कि हमलावरों की पहचान करने और प्राथमिकी में नामजद लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है।
स्थानीय नेता फहीम खान समेत छह लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज
साइबर पुलिस ने नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी स्थानीय नेता फहीम खान और पांच अन्य के खिलाफ राजद्रोह और अशांति के दौरान सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ये छह लोग उन 50 आरोपियों में शामिल हैं जिनके खिलाफ साइबर विभाग ने सोमवार को यहां हुई हिंसा के सिलसिले में चार प्राथमिकी दर्ज की हैं।
पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) लोहित मतानी ने यहां प्रेस वार्ता में बताया कि साइबर अपराध विभाग ने ‘फेसबुक’, ‘एक्स’, ‘इंस्टाग्राम’ और ‘यूट्यूब’ अधिकारियों से उनके मंच पर मौजूद 230 प्रोफाइल के बारे में जानकारी मांगी है और इन पर रोक लगाये जाने का आग्रह किया है।
उन्होंने बताया कि जैसे ही विभाग को सूचना मिलेगी, आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
अधिकारी ने बताया कि उनकी जांच से पता चला है कि सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो साझा किए जाने के बाद शुरू में गलत सूचना फैलाई गई, जिससे हिंसा और भड़क गई।
मतानी ने बताया कि साइबर पुलिस की प्राथमिकी में ‘माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एमडीपी) के नेता फहीम खान समेत छह लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान आयत वाली चादर जलाए जाने की अफवाहों के बीच हिंसक भीड़ ने सोमवार रात को मध्य नागपुर के कई इलाकों में उत्पात मचाया था।
इस घटना में पुलिस उपायुक्त रैंक के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।
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