मध्यस्थता से भी सुलझाए जा सकते हैं विवाद : सीजेआई संजीव खन्ना

Last Updated 16 Feb 2025 07:11:21 AM IST

सीजेआई संजीव खन्ना (Sanjiv Khanna) ने कहा कि सभी विवाद अदालत और मुकदमेबाजी के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं तथा उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्यस्थता समस्या के निवारण का तरीका है क्योंकि यह रचनात्मक समाधान प्रदान करता है और संबंधों को मजबूत करता है।


नागपुर में महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि प्रत्येक मामले को कानूनी मुद्दों की नजर से नहीं बल्कि एक मानवीय पहलू के रूप में देखा जाना चाहिए।  

उन्होंने कहा कि भारतीय कानूनी सहायता का स्वरूप शायद दुनिया में सबसे मजबूत है, जहां सभी हितधारकों को सहायता दी जाती है। 

‘सभी विवाद अदालत, मुकदमेबाजी या यहां तक कि मध्यस्थता के लिए उपयुक्त नहीं होते। मध्यस्थता, समस्या के निवारण करने का वह तरीका है जो हमें विवाद के समाधान से कहीं अधिक उपाय प्रदान करता है।’ 

उन्होंने कहा कि यह रचनात्मक समाधानों के द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को चुनकर हम न केवल संघर्षं को कुशलतापूर्वक हल करते हैं, बल्कि लोगों और व्यवसायों के बीच संबंधों को भी मजबूत करते हैं।  

सीजेआई खन्ना ने कहा कि वकील समस्या समाधानकर्ता होते हैं, जिन्हें रचनात्मक समाधान प्रदान करना होता है जो समस्या के कानूनी और मानवीय, दोनों आयामों को संबोधित करते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘जैसे-जैसे हमारी समस्याएं और अधिक गतिशील होती जा रही हैं, उनके समाधान की आवश्यकता और अधिक लचीली होनी चाहिए।’  

प्रधान न्यायाधीश ने सभी से लीक से हटकर सोचने और न्याय प्रदान करने को किफायती और समयबद्ध बनाने के लिए अपने दायरे को व्यापक बनाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी ऐसी चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनकी हमारे पूर्ववर्तियों ने शायद ही कल्पना की होगी, जैसे जलवायु परिवर्तन, जो न केवल हमारे पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के मूल ढांचे के लिए भी खतरा है।

भाषा
मुंबई


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