हरियाणा विधानसभा चुनाव- कांग्रेस कर सकती है सत्ता में वापसी
हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। आगामी 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी जबकि 4 अक्टूबर को नतीजे आ जाएंगे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव-बीजेपी की हैट्रिक या कांग्रेस की वापसी |
पिछले एक दशक से सत्ता पर काबिज बीजेपी हैट्रिक लगाने का दावा कर रही है जबकि कांग्रेस इस बात को लेकर मुतमइन है कि इस चुनाव में बीजेपी को उखाड़ फेंकेगी और सत्ता पर काबिज होगी। वैसे इस बार बीजेपी के लिए रास्ता आसान नहीं है। लेकिन उसने सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए कुछ माह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटाकर ओबीसी नेता नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया था। शायद इस सोच में कि पिछड़ी जातियों की बी श्रेणी वाली जातियां उनके फेवर में आ जाएंगी।
यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए नायब सिंह सैनी सरकार ने कुछ महीनों पहले ओबीसी की बी कैटेगरी जातियों के लिए पंचायत और निकायों चुनावों में 5 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा कर दी थी। यहां की बी कटेगरी जातियों में मुख्यतः यादव,अहीर, सैनी, कुशवाहा, कोईरी और कुछ अन्य जातियां हैं। इनकी संख्या 16 प्रतिशत के आस-पास है। बीजेपी को अच्छी तरह से पता है कि हरियाणा के जाट वोटर उनके पक्ष में नहीं हैं। इसीलिए इस बार कैबिनेट में भी हरियाणा के चार सांसदों मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह , कृष्ण पाल गुर्जर और बीरेंद्र सिंह को जगह दी गई है। इनमें से तीन गैर जाट हैं।
हालांकि अभी हाल में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ओबीसी की 44 प्रतिशत वोटें ही मिलीं जबकि कांग्रेस को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोटें मिलीं। यानी ओबीसी की बी कैटेगरी को 5 प्रतिशत आरक्षण देने का फायदा बीजेपी को लोकसभा चुनाव में नहीं मिल पाया। लेकिन इस बार बीजेपी ने ओबीसी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान करके यह बताने की कोशिश की है कि वह ओबीसी की हितैषी है। 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में बीजेपी का खेल बिगड़ सकता है लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ने जा रही हैं। इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
उधर अभय चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल का गठबंधन बसपा से हो चुका है। ऐसे में संभव है कि वहां के दलित वोटरों में भी बिखराव देखने को मिलेंगे। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ रहे दुष्यंत चौटाला की पार्टी जे जे पी अब बीजेपी से अलग हो चुकी है। जहां तक बात कांग्रेस की है तो बीते लोकसभा चुनाव में वहां की दस लोकसभा सीटों में से 5 सीटों पर विजय हासिल की थी। जबकि 2019 में बीजेपी ने दसों सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में एक बात तो आसानी से कही जा सकती है कि कांग्रेस ने अगर लोकसभा चुनाव का ही प्रदर्शन दोहरा दिया तो इस बार बीजेपी हरियाणा में हैट्रिक नहीं लगा पाएगी।
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