Quad Summit 2024: नेतृत्व में शामिल हम
अमेरिका के डेलावेयर में चल रही क्वाड नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिरकत कर रहे हैं। क्वाड यानी चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान शामिल हैं।
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मोदी ने कहा, हम ऐसे समय बैठक कर रहे हैं, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का मिल कर साथ चलना, मानवता के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी कानून पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मामलों के शांतिपूर्ण तरीकों से नतीजे निकालने का समर्थन करते हैं।
इस दरम्यान वे अन्य विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर रहे हैं। इसके साथ ही न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी भाग लेंगे। क्वाड के गठन को भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के दबदबे को कम करने वाला संगठन माना जाता है। क्वाड जैसे समूह की जरूरत 2004 में आई सुनामी के बाद महसूस हुई थी। उस वक्त भारत ने अपने पड़ोसी मुल्कों की मदद अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर की थी। जापान के तबके प्रधानमंत्री शिंजो आबे को 2007 में इसकी नींव रखने का श्रेय दिया जाता है।
क्वाड नेताओं के साझा बयान में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर चिंता जताई गई थी। हैरत की बात है कि इस पर चीन की तरफ से कोई प्रक्रिया नहीं आई। क्वाड नेताओं का मानना कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करेंगे। इसे समावेशी, कुशल, पारदर्शी, लोकतांत्रिक और जबावदेह बनाने की भी बात की जो स्पष्ट रूप से भारत के पक्ष में नजर आती है।
आतंकवाद और हिंसा की आलोचना करते हुए इन नेताओं ने सीमापार आतंक और मुंबई-पठानकोट के आतंकी हमलों की निंदा भी की। इन देशों के साथ रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने और रक्षा, व्यापार, निवेश, शिक्षा एवं अनुसंधान पर सहयोग की चर्चा भी शामिल है।
स्पष्ट है कि अमेरिकी रणनीति पाकिस्तान को हाशिए पर करने की नजर आ रही है। चीन और रूस को वे चुनौती की तरह देख रहे हैं, ऐसे में भारत का महत्त्व बढ़ रहा है। भारत-अमेरिका के दरम्यान हो रहा कारोबार दो सौ बिलियन डॉलर तक पहुंचने वाला है।
उम्मीद की जा सकती है कि रक्षा, तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर आपदा राहत, साइबर सुरक्षा और टेलीकम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को उत्सुक मोदी की यह दूरदर्शिता जल्द ही नतीजों के रूप में सामने होगी।
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