Kailash Gehlot Resign: दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत ने AAP छोड़ी, 'शीशमहल' पर कटाक्ष किया; पार्टी ने ‘ED, आयकर छापों’ का दिया हवाला

Last Updated 18 Nov 2024 10:20:16 AM IST

दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका देते हुए वरिष्ठ नेता एवं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को पार्टी छोड़ दी।


गहलोत ने AAP छोड़ी (फाइल फोटो)

उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं में पीछे छूट गई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे अपने त्यागपत्र में गहलोत (50) ने कहा, ‘‘लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।’’

आप का महत्वपूर्ण चेहरा रहे गहलोत ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए ‘‘शीशमहल’’ जैसे कुछ ‘‘शर्मनाक’’ विवादों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इससे सभी को संदेह होता है कि क्या ‘‘हम अब भी खुद को ‘आम आदमी’ मानते हैं।’’


गहलोत ने ‘शीशमहल’ विवाद का जिक्र भाजपा नेताओं के उस आरोप की पृष्ठभूमि में किया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने ‘6 फ्लैगस्टाफ रोड’ स्थित अपने पूर्व आधिकारिक आवास पर महंगी चीजों और आधुनिक सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। भाजपा ने केजरीवाल के आवास को ‘‘शीशमहल’’ कहा था।

‘आप’ नेताओं ने कहा कि गहलोत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामलों का सामना कर रहे हैं और उनके पास भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा, ‘‘कैलाश गहलोत पर कई बार ईडी, आयकर विभाग के छापे पड़ चुके हैं। वह पांच साल तक सरकार का हिस्सा थे और भाजपा लगातार उनके खिलाफ साजिश कर रही थी, उनके पास भाजपा के साथ जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था...वह अब वही दोहरा रहे हैं जो भाजपा कहती है। यह भाजपा की साजिश है।’’

भाजपा ने कहा कि गहलोत ने अतीत में कई अन्य लोगों की तरह पार्टी छोड़ दी क्योंकि आप अपने संयोजक अरविंद केजरीवाल के हितों की सेवा के लिए अपने मूल्यों से दूर चली गई। आप पर तीखे वार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘आम’ आदमी पार्टी ने ‘खास’ बनने के लिए अपने ‘‘राजनीतिक मूल्य बदल’’ लिये।

नजफगढ़ से विधायक गहलोत ने तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

सूत्रों ने बताया कि गहलोत के विभाग मुख्यमंत्री के पास ही रहेंगे और इस संबंध में एक पत्र दिल्ली के उपराज्यपाल को उनकी मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।

अप्रैल में राज कुमार आनंद ने आप सरकार में समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी छोड़ दी। जुलाई में वह भाजपा में शामिल हो गए। आप सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आप छोड़ दी और सितंबर में कांग्रेस में शामिल हो गए।

केजरीवाल को लिखे अपने पत्र को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए गहलोत ने कहा,, ‘‘आम आदमी पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं। ये चुनौतियां उन्हीं मूल्यों के लिए हैं जो ‘आप’ में हम सबको साथ लेकर आई थीं। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के आगे लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पीछे रह गईं, जिससे कई वादे पूरे नहीं हो पाएं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यमुना इसका उदाहरण है, जिसे हमने स्वच्छ नदी बनाने का वादा किया था, लेकिन कभी ऐसा नहीं कर पाए। अब यमुना नदी शायद पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई है।’’

गृह, प्रशासनिक सुधार, आईटी और महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रभारी रहे गहलोत ने कहा कि ‘आप’ लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक और दुखद बात यह है कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं, जिससे दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की हमारी क्षमता गंभीर रूप से कमजोर हो गई हैं। अब यह साफ है कि अगर दिल्ली सरकार केंद्र से ही लड़ती रही तो दिल्ली के विकास में वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती।’’

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने एक साहसी कदम उठाया है।

सचदेवा ने कहा, ‘‘गहलोत ने उन्हीं मुद्दों को उठाते हुए पद छोड़ा है, जिनके लिए भाजपा केजरीवाल और ‘आप’ के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी। उनके इस्तीफे से साबित होता है कि ‘आप’ के नेता भी केजरीवाल को ईमानदार नेता नहीं मानते हैं।’’

हालांकि, आप के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा कि यह पार्टी के लिए झटका नहीं है, क्योंकि आप का गठन दिल्ली के दो करोड़ लोगों की वजह से हुआ था।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी एक व्यक्ति की वजह से पार्टी न तो बन सकती है और न ही टूट सकती है। हर व्यक्ति अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र है और हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।’’

भाजपा नेता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आप को डूबता जहाज बताया। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भी यही विचार व्यक्त किए।

यादव ने कहा, ‘‘उन्होंने (गहलोत ने) पार्टी के खिलाफ कुछ स्पष्ट आरोप लगाए हैं। उन्होंने यमुना नदी में प्रदूषण और शीशमहल को लेकर विवाद की ओर इशारा किया है। आप नेता अब या तो पार्टी छोड़ रहे हैं या भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार हो रहे हैं। आप अब डूबता जहाज बन गई है।’’

यादव ने कहा कि आप ने लोगों का भरोसा खो दिया है।

गुप्ता ने कहा कि गहलोत का इस्तीफा ‘‘आप के ताबूत में आखिरी कील का काम करेगा।’’

गहलोत 2015 से पश्चिमी दिल्ली में जाट बहुल नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि उनके इस्तीफे का असर बाहरी दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में हो सकता है, जहां समुदाय की अच्छी-खासी मौजूदगी है।

गहलोत के इस्तीफे से कई लोग हैरान हैं, लेकिन यह पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं था क्योंकि वह आप के भीतर ‘‘अलग-थलग’’ महसूस कर रहे थे।

पिछले साल उनसे राजस्व और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग ले लिए गए थे, जिन्हें आतिशी को सौंप दिया गया था।
 

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment