चुनाव आयोग की जवाबतलबी
भारत निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी, दोनों को अलग-अलग पत्र लिख कर उनसे जवाब तलबी की है।
चुनाव आयोग की जवाबतलबी |
दोनों पार्टियों को 18 नवम्बर, सोमवार अपराह्न एक बजे तक अपने-अपने जवाब दाखिल करने हैं। भाजपा और कांग्रेस ने आयोग के समक्ष एक दूसरे की शिकायत की थी। भाजपा ने राहुल गांधी और कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन करने संबंधी शिकायत आयोग के समक्ष दर्ज कराई थी।
आयोग ने दोनों पार्टियों को याद दिलाया कि उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारकों और नेताओं पर नजर रखने को कहा गया था ताकि लोक व्यवस्था का उल्लंघन न होने पाए। झारखंड और महाराष्ट्ऱ के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के नेता धुआंधार प्रचार में जुटे हैं।
उत्साह से इस कदर लबरेज हैं कि संयम और शालीन व्यवहार की सीमा लांघ दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ लोक सभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी हुआ था। उस समय भी दोनों पार्टियों ने चुनाव आयोग वे एक दूसरे के खिलाफ शिकायत की थी। भाजपा और कांग्रेस ने परस्पर आरोप लगाए हैं कि झूठे, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक बातें कही जा रही हैं। तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने के आरोप भी एक दूसरे पर चस्पा किए हैं।
चुनाव प्रक्रिया का परिचालन कर रहे चुनाव आयोग को आरोप-प्रत्यारोपों और परस्पर शिकायतों के निपटारे में ही खासा समय जाया करना पड़ रहा है। चुनाव में परस्पर खिलाफ मैदान में उतरे भाजपा और कांग्रेस चुनाव लड़ने के मद्देनजर अपरिपक्व नहीं हैं। जानते हैं कि चुनाव पूरी गरिमा और संयत भाषा का इस्तेमाल करके लड़ा जाना चाहिए।
कोई राजनीतिक पार्टी अपने विरोधी पक्ष के प्रति यदि असंयत होती है, तमाम आरोप लगाने पर उतर आती है, तो संकेत यही है कि मतदाता को अपरिपक्व मान चुकी है। मान रही है कि मतदाता चंचलमना और अस्थिर चित्त वाला है। या यह कि उसके पास मतदाता तक पहुंचाने के लिए अपना कोई सार्थक संदेश नहीं है।
राजनीतिक दलों को अहसास होना चाहिए कि स्टार प्रचारक की व्यवस्था के पीछे संभवत: यह भी मंतव्य रहा होगा कि प्रचार के दौरान हल्की बातें न हों। धीर-गंभीर नेता अपना पक्ष और संदेश मतदाता तक शालीनता से पहुंचाएं और मतदाता सोच-समझ कर अपने मताधिकार का विवेकपूर्ण इस्तेमाल कर सकें।
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