बुराई पर अच्छाई की जीत : रावण, मेघनाद, कुंभकरण के पुतलों का दहन
देशभर में शनिवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ दशहरा मनाया गया और बड़ी संख्या में लोग रावण के पुतलों का दहन देखने के लिए उमड़ पड़े।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले के परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में शामिल हुए। दोनों ने प्रतीकात्मक तीर चलाकर रावण दहन किया। लाल किले के परेड ग्राउंड में धू-धू कर जलता बुराई का प्रतीक रावण का पुतला। |
श्री धार्मिक रामलीला कमेटी, लालकिला मैदान के माधव पार्क में चल रही रामलीला के मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। दोनों ने प्रतीकात्मक तीर चलाकर रावण दहन किया।
मंच पर चढ़ने के पहले प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने राम-लक्ष्मण और हनुमान का किरदार निभा रहे कलाकारों का तिलक किया। कमेटी के महासचिव धीरजधर गुप्ता, सचिव प्रदीप शरण, प्रवक्ता रवि जैन समेत अन्य सदस्यों ने राष्ट्रपति को त्रिशूल और पीएम मोदी को गदा भेंट की।
पीएम मोदी ने राम और लक्ष्मण बने कलाकारों के माथे पर तिलक लगाया। परंपरागत तरीके से बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक हर वर्ष यह अिन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पीएम मोदी ने जैसे ही धनुष से तीर छोड़ा रावण का पुतला धू-धू कर जलने लगा। दर्शक दीर्घा में बैठे राम भक्त और मंचस्त अतिथिगण ने जय श्रीराम के गगनभेदी से जयघोष करते रहे।
भव्य आतिशबाजी को देखकर लोग प्रभुल्लित हो उठे। लीला स्थल पर 21 देशों के राजनयिक भी लीला के अवलोकनार्थ मौजूद रहे।
वहीं दूसरी ओर नवश्री धार्मिक लीला कमेटी लालकिला के मंच पर कांग्रेस संसदीय दल की चीफ सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी मुख्य अतिथि के रूप में लीला अवलोकन के लिए उपस्थित रहे।
उन्होंने मंच पर काबिज होने के पूर्व राम, लक्ष्मण को तिलक लगाया। इसके बाद बुराई के प्रतीक पुतलों के दहन के लिए धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई।
इस मौके पर पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल, प्रधान हरिचंद अग्रवाल, मंत्री प्रकाश चंद बराठी, महामंत्री जगमोहन गोटेवाला, लीला मंत्री रवि कप्तान ने अतिथियों का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। मैदान में रथ पर सवार होकर राम और रावण ने मायावी युद्ध कया।
इसके साथ ही बीते दस दिन से राजधानी में आयोजित लीला मंचों पर विजयदशमी उत्सव हषरेल्लास पूर्वक मनाया गया।
रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण विशालकाय पुतलों का दहन के दौरान आतिशबाजी से दिल्ली मानों कुछ पल के लिए सहम सी गई। इसके पूर्व रावण दहन के बाद अहिरावण वध व रावण वध की लीला भी दिखाई गई।
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