केंद्र से हरी झंडी के बाद चीन में जारी श्वसन संबंधी संक्रमण को लेकर अलर्ट पर राज्य

Last Updated 29 Nov 2023 03:50:03 PM IST

चीन में इन दिनों रहस्यमयी श्वसन संबंधी बीमारी का जोखिम है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश लागू करने के लिए कहा है।


रहस्यमयी श्वसन संबंधी बीमारी

यह इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के मामलों के रूप में पेश होने वाले श्वसन रोगजनकों की एकीकृत निगरानी प्रदान करता है। चीन में बच्चों में गंभीर सांस संबंधी बीमारी के कारण कम से कम छह राज्यों ने अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को अलर्ट मोड पर रखा है।

राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु की राज्य सरकारों ने अपने अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को श्वसन समस्याओं की शिकायत करने वाले मरीजों से निपटने के लिए तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने भी नागरिकों को मौसमी फ्लू के प्रति सचेत रहने को कहा है। मौसमी फ्लू के लक्षणों और जोखिम कारकों को सूचीबद्ध करते हुए, सलाह में क्या करें और क्या न करें का भी जिक्र किया गया है। जिसमें खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढंकना, बार-बार हाथ धोना, चेहरे को छूने से बचना और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करना शामिल है।

अपनी सलाह में, राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि स्थिति वर्तमान में चिंताजनक नहीं है, लेकिन चिकित्सा कर्मचारियों को निगरानी रखनी चाहिए और संक्रामक रोगों को फैलने से रोकना चाहिए। यह भी कहा कि बाल चिकित्सा इकाइयों और मेडिसिन विभाग में पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात और तमिलनाडु को भी पूरी तैयारी की सलाह दी गई है।

यह घटनाक्रम केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा रविवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए एक पत्र के एक दिन बाद आया है, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारियों के उपायों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी गई है।

जैसे कि एचआर अस्पताल के बेड्स की उपलब्धता, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाएं एवं टीके, मेडिकल ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, टेस्टिंग किट और रिएजेंट्स, ऑक्सीजन प्लांटों और वेंटिलेटर की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण नियंत्रण प्रथाएं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस साल की शुरुआत में साझा किए गए 'कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश' लागू करने की सलाह दी गई है।

उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया कि एकीकृत रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) की जिला और राज्य निगरानी इकाइयों द्वारा विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में आईएलआई/एसएआरआई के रुझानों की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए।

आईएलआई या एसएआरआई का डेटा विशेष रूप से मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों से आईडीएसपी-आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड किया जाना जरूरी है।

राज्यों को श्वसन रोगजनकों के परीक्षण के लिए एसएआरआई के रोगियों, विशेषकर बच्चों और किशोरों के नाक और गले के स्वाब के नमूने वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज (वीआरडीएल) में भेजने के लिए भी कहा गया है।

मंत्रालय ने कहा कि इन एहतियाती और सक्रिय सहयोगात्मक उपायों के लागू के संचयी (क्युमुलेटिव) प्रभाव से किसी भी संभावित स्थिति का मुकाबला करने और नागरिकों की सुरक्षा तथा भलाई सुनिश्चित करने की उम्मीद है।

हाल ही में डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा की गई जानकारी से चीन के उत्तरी हिस्सों में सांस की बीमारी में वृद्धि का संकेत मिला है। यह मुख्य रूप से इन्फ्लुएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, एसएआरएस-सीओवी-2 आदि जैसे सामान्य कारणों के लिए जिम्मेदार है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ-साथ माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसी सांस संबंधी बीमारियों की चक्रीय प्रवृत्ति के साथ-साथ कोविड-19 प्रतिबंधों के रिलीज के कारण यह वृद्धि हुई है।

मंत्रालय ने कहा, "हालांकि डब्ल्यूएचओ ने चीनी अधिकारियों से अतिरिक्त जानकारी मांगी है, लेकिन यह आकलन किया गया है कि फिलहाल किसी भी तरह की चिंता की कोई बात नहीं है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment