संसद की कैंटीन में अब नहीं मिलेगा सब्सिडी वाला खाना
इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद सत्र से संसद की कैंटीन में कोई खाद्य सब्सिडी नहीं मिलेगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को नए कदम की घोषणा करते हुए कहा, "संसद कैंटीन में खाद्य सब्सिडी पूरी तरह से हटा दी गई है।"
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला |
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के आगामी बजट सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
सूत्रों का कहना है कि संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी बंद होने से सालाना लगभग 17 करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है।
2019 में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बिरला ने इसके लिए एक सुझाव दिया था और सांसदों ने सर्वसम्मति से संसद की कैंटीन में किसी भी तरह की सब्सिडी का लाभ नहीं उठाने का फैसला किया था।
इसके साथ ही बिरला ने आगामी सत्र में लोकसभा और राज्यसभा के कामकाज के समय के बारे में विवरण भी साझा किया।
बिरला ने कहा कि 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगी और लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 से रात 8 बजे तक होगी। उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान पूर्व निर्धारित एक घंटे के प्रश्नकाल की अनुमति रहेगी।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सभी सांसदों को संसद सत्र में शामिल होने से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट से गुजरना होगा और उन्हें अनिवार्य कोविड-19 परीक्षण से भी गुजरना होगा।
बजट सत्र राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होगा, जबकि केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।
राष्ट्रपति 29 जनवरी को सुबह 11 बजे संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना वार्षिक भाषण देंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
मॉनसून सत्र की तर्ज पर इस सत्र में भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
यह सत्र ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है, जब सरकार तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए किसानों के आंदोलन और विपक्ष की मुखर मांगों से जूझ रही है।
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