कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चालू वित्त वर्ष में (6 मार्च तक) रिकॉर्ड 2.16 करोड़ ऑटो क्लेम का सेटलमेंट किया है। पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 89.52 लाख था। यह जानकारी सरकार द्वारा संसद में सोमवार को दी गई।

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केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 99.31 प्रतिशत से अधिक दावे अब ऑनलाइन प्राप्त हो रहे हैं और इसके लिए क्षेत्रीय कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है।
वित्त वर्ष 2024-25 (6 मार्च तक) 7.14 करोड़ क्लेम ऑनलाइन माध्यम से जमा किए गए हैं।
ऑटो माध्यम से होने वाले क्लेम सेटलमेंट की सीमा को सरकार ने बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है।
इसके अलावा, बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने के लिए एडवांस के अलावा, आवास, शिक्षा और विवाह के लिए एडवांस भी ऑटो माध्यम से दिया जा रहा है। अब 60 प्रतिशत एडवांस क्लेम का प्रोसेस ऑटो मोड में किया जाता है।
ईपीएफओ के मुताबिक, ऑटो मोड से दावों का भुगतान तीन दिनों के अंदर कर दिया जाता है।
ईपीएफओ ने उन सदस्यों को डी-लिंकिंग की सुविधा भी प्रदान की है, जिनके ईपीएफ खातों को संस्थाओं द्वारा गलत तरीके से/धोखाधड़ी से लिंक किया गया है।
करंदलाजे ने बताया, "18.01.2025 को इसके लॉन्च होने के बाद से, फरवरी 2025 के अंत तक 55,000 से अधिक सदस्यों ने अपने खातों को डी-लिंक कर लिया है।"
सरकार ईपीएफओ में क्लेम के सुविधाजनक बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।
इसके लिए जल्द ही नया सिस्टम 'ईपीएफओ 3.0' आने जा रहा है। इसके बाद सदस्य बैंक की तरह एटीएम से प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) अकाउंट का पैसा निकाल सकते हैं।
इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि नया सिस्टम बैंकिंग की तरह सुविधाजनक होगा। इसमें कई डिजिटल फीचर्स दिए जाएंगे, जिससे लेनदेन आसान हो जाएगा।
ईपीएफओ 3.0 मौजूदा सिस्टम का एक उन्नत वर्जन होगा। इसे निकासी की प्रक्रिया को तेज और यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
सदस्य बैंक खाते से नकदी निकालने की तरह ही एटीएम के माध्यम से भी अपना पीएफ का पैसा निकाल सकेंगे। ईपीएफओ सदस्य अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) का उपयोग करके अपने खातों को मैनेज कर सकेंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एटीएम से पीएफ निकासी की सीमा क्या होगी।
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