दिल्ली सरकार को मुआवजा दे केंद्र : सिसोदिया

Last Updated 28 Aug 2020 01:35:05 AM IST

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जीएसटी लागू करने में विफल रही है।


दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

केंद्र ने राज्यों से टैक्स संबंधी अधिकार छीन लिए हैं। जीएसटी लागू करने वक्त केंद्र सरकार ने भरोसा दिया था कि राज्यों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। लेकिन अब सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। सिसोदिया वृहस्पतिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सिसोदिया ने इसे आजादी के बाद राज्यों के साथ केंद्र का सबसे बड़ा धोखा बताते हुए मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि दिल्ली को कर्ज लेने का अधिकार नहीं है।
केंद्र खुद आरबीआई से कर्ज लेकर राज्यों का मुआवजा दे। सिसोदिया ने कहा कि कर्ज लेने का अधिकार सिर्फ  पूर्ण राज्यों को है, दिल्ली को कर्ज लेने का अधिकार नहीं है। दिल्ली का रेवेन्यू कलेक्शन लक्ष्य से 57 फीसदी कम है। इसे पूरा करने के लिए केंद्र मुआवजा प्रदान करे या कर्ज दे। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार को सात हजार करोड़ टैक्स कम आया है तथा 21 हजार करोड़ का शॉर्टफॉल है। ऐसे में कर्मचारियों को वेतन देने में भी समस्या है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र को सेस की राशि से राज्यों को मुआवजा देना है। ऐसे में केंद्र स्वयं आरबीआई से कर्ज लेकर राज्यों को दे।

सिसोदिया ने कहा कि वर्ष 2016-17 में जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार ने इसे सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बताते हुए जनता को महंगाई कम होने और राज्यों को रेवेन्यू बढ़ने का सपना दिखाया था। केंद्र ने राज्यों से 87 फीसदी टैक्स संग्रह का अधिकार ले लिया और कहा कि आपको इससे अपना हिस्सा मिल जाएगा। जीएसटी कानून में पांच साल तक राज्यों के नुकसान की भरपाई का दायित्व केंद्र सरकार पर है। केंद्र ने भरोसा भी दिया था कि अगर राज्यों का रेवेन्यू कम होगा तो 14 फीसदी वृद्धि की दर से मुआवजा  दिया जाएगा। सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी लागू होने के तीन साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन अब तक न तो महंगाई कम हुई है और न ही राज्यों का रेवेन्यू बढ़ा। कोरोना के कारण सभी राज्यों का रेवेन्यू काफी कम हो गया है। केंद्र सरकार मुआवजा देने की बजाय हाथ खड़े कर रही है। सिसोदिया ने बताया कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में बीजेपी शासित राज्यों सहित अनेक राज्यों ने केंद्र से नुकसान की भरपाई की मांग की। कौंसिल की सातवीं, आठवीं और दसवीं बैठक के निर्णय  का हवाला देते हुए सिसोदिया ने कहा कि उस वक्त केंद्र ने भरोसा दिया था कि राज्यों का रेवेन्यू कम होने पर इसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी में सेस लेने की व्यवस्था है। वर्ष 2017-18 में काफी सेस आया था। केंद्र के पास 47 हजार करोड़ की अतिरिक्त राशि बच गई थी, जिसे केंद्रीय फंड में डाल दिया गया। लेकिन आज जब राज्यों को मुआवजा देने की जरूरत है तो केंद्र सरकार अपने दायित्व से पीछे भाग रही है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment