वित्त वर्ष 26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है : क्रिसिल

Last Updated 14 Apr 2025 01:19:40 PM IST

वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है। हालांकि, बढ़ते अमेरिकी टैरिफ विकास के लिए अभी भी जोखिम बने हुए हैं।


क्रिसिल को उम्मीद है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति में नरमी से बाहरी चुनौतियों की कुछ भरपाई हो सकेगी।

रिपोर्ट में कहा गया, "ब्याज दरों में कटौती, आयकर में राहत और महंगाई में कमी से इस वित्त वर्ष में खपत को बढ़ावा मिलेगा। अच्छे मानसून से कृषि आय भी बढ़ेगी।"

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमेपन की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। इससे घरेलू विकास को बढ़ावा मिलेगा।

रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी क्रिसिल के वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान के लिए एक प्रमुख जोखिम है, क्योंकि अनिश्चितता और टैरिफ में लगातार बदलाव निवेश में बाधा डाल सकते हैं।

वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में कैपिटल, इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन गुड्स के आउटपुट में इजाफा हुआ है। इसकी वजह कंस्ट्रक्शन/ कैपिटल खर्च गतिविधियों में बढ़ोतरी होना है।

आरबीआई के नवीनतम 'तिमाही औद्योगिक परिदृश्य' सर्वेक्षण में चौथी तिमाही (वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही) में मांग में मजबूती देखी गई है।

रिपोर्ट में बताया गया, "आरबीआई के नवीनतम उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण में मार्च में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सुधार का संकेत मिलता है। ये सभी कारक घरेलू मांग में सुधार की पुष्टि करते हैं। चौथी तिमाही में रबी का अच्छा उत्पादन और मुद्रास्फीति में कमी भी उपभोग मांग के लिए अच्छा संकेत है।"

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) द्वारा मापी जाने वाली औद्योगिक वृद्धि दर, जनवरी के 5.2 प्रतिशत (5.0 प्रतिशत से संशोधित) से फरवरी में धीमी होकर 2.9 प्रतिशत हो गई, जिसका कारण खनन और विनिर्माण क्षेत्रों में उत्पादन में वृद्धि थी, जबकि बिजली क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई।

क्रिसिल ने कहा, "औसतन, फरवरी तक चौथी तिमाही में आईआईपी वृद्धि 4.0 प्रतिशत रही, जो मोटे तौर पर दिसंबर तिमाही में दर्ज 4.1 प्रतिशत के अनुरूप है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment