डी-कंपनी के निशाने पर फिर छोटा राजन, धमकी के बाद तिहाड़ में सुरक्षा बढ़ी
डी-कंपनी के सदस्य और अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील ने अपने प्रतिद्वंद्वी छोटा राजन की हत्या की नई साजिश रची है। इसे लेकर राष्ट्रीय राजधानी स्थित तिहाड़ जेल में राजन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। छोटा राजन फिलहाल इसी जेल में कैद है।
2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तारी के बाद छोटा राजन। |
शकील अपने बॉस दाऊद इब्राहिम के साथ मिलकर कराची से अपना कारोबार संचालित करता है। उसने कथित तौर पर डी-कंपनी के एक भारतीय मॉड्यूल को तिहाड़ में राजन की कोठरी में ही उसके खात्मे की जिम्मेदारी सौंपी है।
डी-कंपनी की इस नई साजिश के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली जेल (तिहाड़) के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा कि जेल में जहां राजन को रखा गया है, वहां सुरक्षा चुस्त कर दी गई है।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी गोयल ने आईएएनएस को बताया, "मैं सिर्फ सुरक्षा के बारे में बात कर सकता हूं। उसे (राजन) अत्यंत उच्च सुरक्षा वाले जेल में रखा गया है और फूलप्रूफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मैं उसे दी गई धमकी पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।"
सूत्रों ने कहा कि राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन को अत्यंत सुरक्षा वाली जेल संख्या-दो में रखा गया है, जिसकी 24 घंटे रखवाली खासतौर से तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान करते हैं।
एक सूत्र ने कहा, "धमकी के बाद राजन के तीन कुक बदल दिए गए हैं। इसके अलावा राजन को दिए जा रहे पके भोजन और राशन (अनाज, खाद्य तेल, और कच्ची सब्जियां) की भी जांच की जा रही है। जेल में कोई भी व्यक्ति उससे कम से कम 10 मीटर की दूरी पर ही रह सकता है।"
सूत्र के अनुसार, माफिया डॉन और चार बार का सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन भी जेल संख्या 2 में कैद है। जेल वार्ड के अंदर राजन और शहाबुद्दीन को मिलने की अनुमति नहीं है, जहां 24 घंटे उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाती है।
खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में एक टेलीफोन काल पकड़ी थी, जिसमें छोटा शकील जेल के अंदर छोटा राजन के खात्मे की साजिश पर चर्चा कर रहा था, जिसमें कथित तौर पर राजन को उसकी कोठरी में ही जहर देने की चर्चा शामिल थी।
शकील और दाऊद का मानना है कि राजन भारतीय एजेंसियों का मुखबिर रहा है, जो पुलिस को डी-कंपनी की जारी गतिविधियों के बारे में जानकारी मुहैया कराता है, खासतौर से ड्रग और नकली मुद्रा की तस्करी के बारे में, जिसके लिए डी-कंपनी ने नेपाल और बांग्लादेश में अपना अड्डा बना रखा है। राजन डी-कंपनी का सदस्य रह चुका है, जो मुंबई में 1993 में हुए श्रंखलाबद्ध विस्फोटों के बाद सांप्रदायिक आधार पर दाऊद से अलग हो गया था।
वर्ष 2015 के अंत में आस्ट्रेलियाई पुलिस की गुप्त सूचना पर राजन को इंडोनेशिया के बाली द्वीप में इंटरपोल ने पकड़ लिया था और भारत को सौंप दिया था। उसके बाद से राजन तिहाड़ के अति सुरक्षा वाले वार्ड में कैद है।
तिहाड़ के एक डिप्टी सुपरिंटेंडेंट स्तर के अधिकारी ने कहा, "यह वही वार्ड है, जहां कुछ दशक पहले कुख्यात अपराधी चार्ल्स शोभराज कैद किया गया था। इस वार्ड में दुर्दात अपराधी ही रखे जाते हैं।"
अधिकारी के अनुसार, इन दिनों सिर्फ राजन की पत्नी सुजाता निखलजे और उसके वकीलों को ही माफिया डॉन से मिलने की अनुमति है। गुप्तचर ब्यूरो राजन की गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए है। तिहाड़ प्रशासन और खुफिया एजेंसियां समय-समय पर राजन की सुरक्षा की समीक्षा भी कर रही हैं।
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