वक्फ संशोधन से जदयू में कोई नाराजगी नहीं : संजय झा
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा ने रविवार को कहा कि वक्फ संशोधन को लेकर पार्टी में कहीं कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार संशोधन नहीं हुआ है, इसके पहले भी संशोधन हो चुका है।
![]() जनता दल यूनाइटेड के कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा |
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा ने दावा किया कि बिहार के पसमांदा मुसलमानों के बीच अब बेहतर काम हो पाएगा। पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जदयू नेता ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक लाने का उद्देश्य गरीब मुसलमानों को इसकी सही सुविधा देना है। जेपीसी बनी तो हमारी पार्टी के लोग भी थे। मुस्लिम समाज के लोग भी नीतीश कुमार से मिले।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि गरीब मुसलमानों को अब इसका ज्यादा फायदा मिलेगा। पूरी पारदर्शिता आएगी और सही जगह पैसा लगेगा। इस विधेयक के खिलाफ कई पार्टियों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह किसी का अधिकार है। अदालत इसे लेकर तय करे। लेकिन उसका उद्देश्य व्यापक सुधार है। पसमांदा और महिला समाज को ज्यादा लाभ होगा।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि बिहार में सबसे अधिक पसमांदा समाज के मुसलमान हैं, लेकिन क्या वक्फ से उनके बीच कोई काम हुआ है? अस्पताल बना है, स्कूल खुला है? उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इसे लेकर जदयू में कोई नाराजगी नहीं है।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 के पहले पंचायत चुनाव में आरक्षण था? जब नीतीश कुमार सत्ता में आए, तब आरक्षण मिला। पसमांदा समाज के लोग आज मुखिया और पंचायत समिति के सदस्य बने हुए हैं, वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही देन हैं। नीतीश कुमार का अपना ट्रैक रिकॉर्ड है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भागलपुर में इतना बड़ा दंगा हुआ, लेकिन न्याय नहीं मिला। जब नीतीश कुमार की सरकार आई तो भागलपुर दंगों के पीड़ितों को न्याय दिया गया। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भावना भड़काकर वोट लेना और लोगों के लिए काम करना, दोनों में फर्क है। नीतीश कुमार ने काम कर अपनी जगह बनाई है। 20 साल में एक बार भी बिहार में कर्फ्यू नहीं लगा है।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बिहार यात्रा पर आने को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव यहां है तो कहां जाएंगे? सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर सदन में वह क्यों नहीं बोले। वह पिकनिक मनाने आ रहे हैं।
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