अगर हम लोग बंटेंगे तो चीन उठाएगा फायदा : बाबा बागेश्वर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में चुनावी रैली में कहा था 'अगर हम बंटेंगे तो कटेंगे'। सीएम योगी के इस बयान का बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समर्थन किया है। उनके मुताबिक ये देशहित में दिया गया बयान है।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री |
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आईएएनएस से बातचीत में अपनी सोच जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर यह बयान राजनीतिक है तो हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। लेकिन भारतीय दृष्टि से अगर देखा जाए, तो यह पूरी तरह से उचित है। अगर हम भारत के लोग आपस में बंट जाएंगे, तो इसका फायदा चीन को होगा। वो हम लोगों की एकता को काट कर रख देगा।
इसके पहले बाबा बागेश्वर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।
बाबा बागेश्वर ने देश की एकता और अखंडता को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं, जिन्हें हिंदुत्व से कोई प्रेम नहीं है और जो राष्ट्रगान, वंदे मातरम, और भारतीय संस्कृति के प्रतीकों का विरोध करते हैं।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, ऐसे लोग अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं, बच्चे पैदा कर रहे हैं और विदेशी देशों से शरण ले रहे हैं, ताकि भारतीय नागरिकता प्राप्त करके वोट बैंक की राजनीति को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए सबसे बड़ी समस्या है। जो लोग हिंदुत्व को नहीं मानते, जिन्हें वंदे मातरम बोलने में दिक्कत होती है और जो भारतीय संस्कृति से नफरत करते हैं, वह अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं।
घुसपैठियों और देश विरोधियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इन विदेशी घुसपैठियों और विधर्मियों से सख्ती से निपटना चाहिए। ये लोग भारतीय समाज में घुसकर न केवल सांस्कृतिक संकट पैदा कर रहे हैं, बल्कि देश की एकता और सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहे हैं। भारत की सरकार को अब हमें और आपको जागना पड़ेगा कि हम ऐसे विदेशी शरणार्थियों को, जो हमारे देश के खिलाफ काम कर रहे हैं, यहां पनाह नहीं दे सकते।
उन्होंने कहा कि हमारे धार्मिक स्थल पर दुकान क्यों लग रही हैं? अगर हमें वहां जगह नहीं मिलती तो हम भारत में क्यों सहन करें? भारत में हिंदू समाज को अब कट्टर हिंदू बनना होगा। हमें अब हिंदू होने में डर नहीं लगना चाहिए। जो हमारे देश की संस्कृति और धर्म के खिलाफ हैं, हमें उनसे सख्ती से निपटना होगा। हमने एक नया विचार दिया है, 'छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं', और अब हम हिंदू समाज को एकजुट करने की दिशा में काम करेंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें राजनीति में भाग लेने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन समाज में बदलाव और जागरूकता के लिए धार्मिक नेताओं को राजनीति में शामिल होना चाहिए। अगर सनातन धर्म के लोग राजनीति में आकर समाज सेवा करेंगे, तो हिंदुत्व का प्रचार होगा और देश में एक नई क्रांति आएगी।
उन्होंने भारत के पड़ोसी देशों, खासकर पाकिस्तान और चीन का नाम लेते हुए कहा कि इन देशों से हमारे लिए खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान और चीन हैं। अगर हम आपस में बंट जाएंगे, तो ये ताकतें हमारे खिलाफ मोर्चा खोलेंगी। हमारी सुरक्षा और एकता केवल हमारे हाथों में है, अगर हम एकजुट रहे तो हमें कोई भी ताकत नुकसान नहीं पहुंचा सकती। भारत को पाकिस्तान से कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि यह देश हमेशा धोखा देता आया है और हर समझौते को तोड़ता है। पाकिस्तान से रिश्ते बनाने का अब कोई मतलब नहीं है, वह हमेशा धोखा देगा।
वहीं, भारत-पाकिस्तान मैच पर उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने बिल्कुल सही फैसला किया है। सवाल किया कि पाकिस्तान जाकर क्यों खेलना, पाकिस्तान बार-बार वादे तोड़ता है।
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