जीतन राम मांझी बोले- जनता की आशा पर हो रहा था कुठाराघात, 18 को लेंगे बड़ा फैसला
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख जीतन राम मांझी के बेटे व मंत्री संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद बिहार के सियासी गलियारों में फिर से हलचल मच गई है।
जीतन राम मांझी (फाइल फोटो) |
अपने फैसले को लेकर बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी मीडिया के सामने आए। जीतन राम मांझी ने कहा कि महागठबंधन सरकार में जनता की आशा पर कुठाराघात हो रहा था, इस कारण यह निर्णय लिया गया।
पटना में बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए मांझी ने कहा कि राज्य में बालू (रेत) नीति और शराब नीति से वित्तीय स्थिति चौपट हो गयी। इससे गरीब ज्यादा प्रभावित हुए हैं। विधानसभा में और सार्वजनिक रूप से भी यह मामला उठाया लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि हमने पांच एकड़ तक भूमि वाले किसानों को मुफ्त बिजली देने को लेकर बात की। एससी, एसटी के कल्याण को लेकर भी योजनाएं लाई गई थी, जिससे बिहार का भविष्य बदल जाता, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जनता की आवाज पर निर्णय लिया गया है।
उन्होंने आगे की योजना के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि हमारी पार्टी में जनतंत्र है, 18 जून को कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है, उसमें जो निर्णय लिया जाएगा, वह किया जाएगा।
वे बड़े हैं, वे कुछ भी कह सकते हैं। अब राज्य में काम हो रहा है या नहीं हो रहा है इसका अगर ठीक से आंकलन किया जाए तो पता चल जाएगा कि कितना काम हो रहा है: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पटना https://t.co/1I1z5ybuUd pic.twitter.com/xMojGlKcMc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 14, 2023
मांझी ने जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के एक बयान पर कहा कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें नीतीश कुमार, ललन सिंह या तेजस्वी यादव से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जनहित के मुद्दे पर समझौता नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि मांझी के पुत्र संतोष सुमन ने मंगलवार को नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।
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