तेजस्वी ने कहा- भाजपा को पिछड़ों-अतिपिछड़ों से इतनी नफरत क्यों

Last Updated 22 Jul 2021 03:28:26 PM IST

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार के अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के अलावा किसी और जाति की जनगणना नहीं कराए जाने के फैसले पर तल्ख अंदाज में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पिछड़ों-अतिपिछड़ों से इतनी नफरत क्यों है।


तेजस्वी प्रसाद यादव (फाइल फोटो)

यादव ने गुरुवार को ट्वीट किया, बिहार के दोनों सदनों में भाजपा जातीय जनगणना का समर्थन करती है लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछड़े वर्ग के राज्यमंत्री (केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय) से जातीय जनगणना नहीं कराने का एलान कराती है। केंद्र सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती। भाजपा को पिछड़े-अतिपिछड़े वर्ग से इतनी नफ़रत क्यों है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कुत्ता-बिल्ली, हाथी-घोड़ा, शेर-सियार, साइकिल-स्कूटर सबकी गिनती होती है। कौन किस धर्म का है, उस धर्म की संख्या कितनी है इसकी गिनती होती है लेकिन उस धर्म में निहित वंचित, उपेक्षित और पिछड़े समूहों की संख्या गिनने में क्या परेशानी है। उनकी जनगणना के लिए फ़ॉर्म में महज एक कॉलम जोड़ना है।

यादव ने कहा कि जातीय जनगणना के लिए हमारे दल (राजद) ने लंबी लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे। यह देश के बहुसंख्यक यानि लगभग 65 फ़ीसदी से अधिक वंचित, उपेक्षित, उपहासित, प्रताड़ति वर्ग के वर्तमान और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार पिछड़े वगरें के ¨हदुओं को क्यों नहीं गिनना चाहती। क्या वे ¨हदू नहीं हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब तक पिछड़े वर्ग की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं होगी तो उनके कल्याण के लिए योजनाएं कैसे बनेगी। उनकी शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बेहतरी कैसे होगी। उनकी संख्या के अनुपात में बजट कैसे आवंटित होगा। वह कौन लोग हैं, जो नहीं चाहते कि देश के संसाधनों में से सबको बराबर का हिस्सा मिले।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि केंद्र सरकार ने नीतिगत मामले के रूप में जनगणना में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के अलावा कोई जातीय जनगणना नहीं कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार लोकसभा और विधानसभाओं में एससी और एसटी वर्ग के लोगों के लिए सीटें आरक्षित हैं।

वार्ता
पटना


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