बजट सत्र से पहले राहुल समेत विपक्षी नेताओं से मिलेंगे रिजिजू

Last Updated 21 Dec 2024 06:50:27 AM IST

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हंगामे के कारण दोनों सदनों में कामकाज सुचारू ढंग से नहीं चल पाया तथा लोकसभा में 57.87 प्रतिशत और राज्यसभा की उत्पादकता 40.03 प्रतिशत रही।


संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू (Kiren Rijiju), संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल (Arjunram Meghwal) एवं डॉ. एल मुरुगन (Dr. L. Murugan) ने संसद भवन परिसर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे एवं अमर्यादित व्यवहार के कारण संसद की गरिमा एवं संसद के कामकाज पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा, विपक्ष द्वारा किए गए हंगामे के कारण संसद की उत्पादकता कम हुई। हमने संसद को चलाने के लिए बहुत प्रयास किए। मैं उम्मीद करता हूं और विपक्ष से अनुरोध भी करता हूं कि वे संसद के बजट सत्र में इस तरह का हंगामा न करें।

रिजिजू ने शीतकालीन सत्र के कामकाज का विवरण देते हुए कहा कि 2024 के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में 20 एवं राज्यसभा में 19 बैठकें हुईं हैं। लोकसभा में पांच विधेयक पेश किये गये और राज्यसभा में चार विधेयक पटल पर रखे गये। दोनों सदनों से भारतीय वायुयान विधेयक पारित हो गया है। उन्होंने कहा कि सत्र में भारत के संविधान के निर्माण के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर 26 नवंबर को सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया। इसके बाद गत 13 एवं 14 दिसंबर को लोकसभा में और 16 एवं 17 दिसंबर को राज्यसभा में भारतीय संविधान की 75 वर्ष की यात्रा पर विस्तृत चर्चा करायी गयी। लोकसभा में 15 घंटे 43 मिनट की चर्चा में 62 सदस्यों ने भाग लिया जबकि राज्यसभा में 17 घंटे 41 की चर्चा में 80 सदस्यों ने भाग लिया।

रिजीजू ने कहा कि लोकसभा में 17 दिसंबर को संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024 और केन्द्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया गया जिसे संयुक्त संसदीय समिति का गठन करके आज औपचारिक रूप से उसके विचारार्थ भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस सा में लोकसभा की उत्पादकता 57.87 प्रतिशत और राज्यसभा की उत्पादकता 40.03 प्रतिशत रही है जिससे हम संतुष्ट नहीं हैं। हम सौ प्रतिशत से भी अधिक उत्पादकता में सक्षम हैं। लेकिन विपक्ष ने हंगामे एवं नारेबाजी का जो रास्ता अपनाया, उससे उत्पादकता घटी है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को पता है कि हर बात उठाने का नियम है और आसन से उसी नियम के अंतर्गत मुद्दा उठाने की अनुमति दी जाती है। प्रश्नकाल हर सदस्य का विशेष अधिकार होता है और पूरी सरकार सांसद के सवाल का उत्तर देने के लिए लगती है। पर कुछ पार्टियों के सदस्य बाकी सदस्यों के अधिकार का हनन कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में धक्का-मुक्की और दो सांसदों के चोटिल होने की घटना का उल्लेख किया और कहा कि इस तरह से हाथापाई करना अच्छी बात नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष ने इस बारे में निर्देश जारी किया है कि संसद के द्वारों पर कोई प्रदर्शन नहीं हो सकता है। इसे मानना चाहिए। हम सबको पालन करना चाहिए।

इस मामले में विभिन्न सदस्यों द्वारा विशेषाधिकार नोटिस दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर रिजिजू ने कहा कि इन नोटिसों को संज्ञान में लेना और निर्णय लेना आसन का विशेषाधिकार है। इसलिए वह कुछ नहीं कहेंगे। यह पूछे जाने पर कि बजट सत्र में डेढ़ माह से कम समय रह गया है और इस समय सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच टकराव एवं कटुता को देखते हुए बजट सत्र के सुचारु रूप से संचालन में गतिरोध ना आये इसके लिए क्या कदम उठाये जाएंगे, रिजिजू ने कहा कि इस सत्र में कार्यवाही चलाने के लिए विपक्ष के साथ बात हुई थी कि पीछे की बात भूल कर नये सिरे से मिल कर काम करें लेकिन उन्होंने अचानक फिर गतिरोध पैदा कर दिया। बजट सत्र के लिए वह पुन: विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे और गतिरोध दूर करने का प्रयास करेंगे।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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