मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह पर लगाया अंबेडकर का अपमान करने का आरोप, मांगा इस्तीफा; BJP ने भी किया पलटवार

Last Updated 18 Dec 2024 01:37:40 PM IST

राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए बयान पर विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस ने बुधवार को शाह पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।


मुख्य विपक्षी दल और उसके सहयोगी दलों के सदस्यों ने इस विषय को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और संसद परिसर में भी विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस शाह की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, "जब अमित शाह डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में बोल रहे थे। उन्होंने कहा था कि आप लोग 100 बार अंबेडकर का नाम लेते हैं, अगर आप इतनी बार भगवान का नाम लेते, तो 7 बार स्वर्ग में जाते। इसका मतलब है कि बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेना गुनाह है और इनका इरादा बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का विरोध करना था। मैंने इसका विरोध किया, लेकिन मुझे मौका नहीं दिया गया। हालांकि बाबा साहेब अंबेडकर पर सदन की कार्यवाही चल रही थी, इसलिए हम सभी ने खामोश रहने का फैसला किया। आज हम सभी पार्टी के नेताओं ने एक होकर इस पर सवाल उठाया। अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया है वो गलत है। मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं।"

राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा, "उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान का अपमान किया है। मनुस्मृति और आरएसएस की उनकी विचारधारा यह स्पष्ट करती है कि वह बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का सम्मान नहीं करना चाहते हैं। हम इसकी निंदा करते हैं और उनके इस्तीफे की मांग करते हैं। उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।"

शाह की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है कांग्रेस: रीजीजू

केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि विपक्ष गृह मंत्री की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है।

कांग्रेस सांसदों ने बुधवार को लोकसभा में आंबेडकर के पोस्टर दिखाकर नारेबाजी की और शाह से माफी की मांग की। राज्यसभा में भी यह मुद्दा उठा और विपक्षी सदस्यों ने गृह मंत्री से माफी की मांग की।

रीजीजू ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘... शाह के राज्यसभा में भाषण की एक छोटी क्लिप प्रसारित हो रही है, जिसमें उन्होंने जो कहा, उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। यह गलत है। मैं इसकी निंदा करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि शाह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि जब बाबासाहेब जिंदा थे तब कांग्रेस ने उनका अपमान किया।

रीजीजू ने कहा, ‘‘अपने पाप धोने के लिए, राजनीतिक एवं चुनावी फायदे के लिए वे (कांग्रेस) आंबेडकर का नाम ले रहे हैं।’’

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने आंबेडकर के सम्मान के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम आंबेडकर का सम्मान करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को बताना चाहिए कि आंबेडकर को नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों देना पड़ा। नेहरू ने उनका अपमान किया था इसलिए उन्हें इस्तीफा देना पड़ा... उन्होंने आंबेडकर को लोकसभा चुनाव हारने पर मजबूर कर दिया था।’’

इस मुद्दे पर कांग्रेस सहित विपक्ष के तमाम अन्य दलों ने संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और केंद्रीय गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की।

राज्यसभा में विपक्षी दलों के हंगामे के बीच रीजीजू ने कहा कि गृह मंत्री ने आपने संबोधन के दौरान सदन में आंबेडकर के प्रति श्रद्धा जाहिर की और सम्मान व्यक्त किया था।

रीजीजू ने कहा कि शाह ने यह भी बताया था कि कांग्रेस ने बाबा साहेब का किस तरह अपमान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘जब वह जीवित थे तब उन्हें 1952 में साजिश के तहत कांग्रेस ने चुनाव में हराया। उप चुनाव में भी कांग्रेस ने उन्हें पुन: हराया। अगर बाबा साहेब को कांग्रेस नहीं हराती तो वह 1952 के बाद भी चुनाव जीत कर सदन के सदस्य बने होते।’’

रीजीजू ने कहा कि उनके परिनिर्वाण के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उन्हें भारत रत्न तक नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें अपमानित कर कांग्रेस ने देश के साथ खिलवाड़ किया है।’’

संसदीय मामलों के मंत्री ने कहा कि कांग्रेस आज कौन से मुंह से बाबा साहेब के अपमान की बात करती है, यह तो खुद उसने किया है, बार बार किया है। ‘‘बार बार आंबेडकर का नाम ले कर कांग्रेस छल-कपट करती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलने वाला बौद्ध हूं। सन 1951 में बाबा साहेब ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। 71 साल बाद मोदी ने दूसरे बौद्ध को मंत्री बनाया। हम आंबेडकर के बताए रास्ते पर चलते हैं। ये लोग उनके नाम का वोट बैंक के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं।’’

विपक्ष के हंगामे के बीच रीजीजू ने कहा कि बाबा साहेब से संबंधित पांच तीर्थ स्थलों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काम चल रहा है और मुंबई में 2026 में अरब सागर के तट पर 450 फुट ऊंची उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। ‘‘इसके बाद पता चलेगा कि मोदी सरकार उनका कितना सम्मान करती है।’’

कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।

मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि , ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’


वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी गृह मंत्री अमित शाह पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''देखिए कैसे अमित शाह संसद में बाबा साहेब अंबेडकर का मजाक उड़ा रहे हैं। इन भाजपा वालों को इतना अहंकार हो गया कि ये किसी को कुछ नहीं समझते। बाबा साहेब इस देश के बच्चे-बच्चे के लिए भगवान से कम नहीं हैं। मरने के बाद स्वर्ग का तो पता नहीं, लेकिन बाबा साहेब का संविधान ना होता तो आप लोग तो दबे, कुचले, गरीबों और दलितों को इस धरती पर जीने ही ना देते। बाबा साहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।''

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


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