सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को निर्देश : बिना पूर्णता प्रमाण पत्र न दिया जाए बिजली-पानी कनेक्शन
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि बिना पूर्णता और अधिवास प्रमाण पत्र के फ्लैट या मकान पर कब्जा नहीं दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट |
मानचित्र पास करते समय ही बिल्डर या प्लॉट के मालिक से इस आशय का वचनपत्र लिया जाए। पूर्णता और अधिवास प्रमाण पत्र के बाद ही बिजली-पानी, सीवर का कनेक्शन दिया जाए। बैंकों से भी कहा कि स्वीकृत मानचित्र वाली प्रॉपर्टी पर ही कर्ज दिया जाए।
यदि बैंक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करेगा तो उच्च अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
जस्टिस जमशेद पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने मेरठ के शास्त्री नगर में रिहायशी प्लॉट पर दुकानों के निर्माण पर सख्त कार्रवाई का आदेश देते हुए सभी राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी किए। मेरठ के शास्त्री नगर के भूखंड पर बनी कई दुकानों को ढहाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया।
साथ ही उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश भी दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2014 में पारित जजमेंट को जायज ठहराया।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि शास्त्री नगर कॉलोनी के 6379 आवासीय भूखंडों में से 860 पर कॉमर्शियल गतिविधियां चल रही हैं। अधिसंख्य प्लॉटों पर दुकानें चल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आवास विकास के इंजीनियरों की मिलीभगत के बिना इतने बड़े स्तर पर अवैध निर्माण संभव नहीं है।
आवासीय भूखंड मे मालिक ने दुकानें बनाकर बेच दी थीं। प्लॉट के मालिक का मुकदमे के दौरान निधन हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो सप्ताह के अंदर अवैध निर्माण गिरा दिए जाएं तथा खाली प्लॉट स्थानीय निकाय के हवाले कर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा कि बिना स्वीकृत मानचित्र के बने भवन पर किसी भी तरह की आवासीय या कॉमर्शियल गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाए। निर्माण स्थल पर स्वीकृत नक्शा लगाया जाए। संबंधित इंजीनियर निर्माण का नियमित निरीक्षण करें।
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