One Nation-One Election Bill: हंगामे के बीच ’एक देश एक चुनाव‘ बिल पेश, लोकसभा में व्यापक विचार-विमर्श के बाद विधेयक भेजा जाएगा जेपीसी के पास

Last Updated 18 Dec 2024 06:49:11 AM IST

One Nation-One Election Bill: देश में लोकभा और विधानसभा चुनाव चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार ने आज ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को विपक्ष के जबरदस्त विरोध के बावजूद पेश कर दिये।


विपक्ष के जिद कारण सदन में वोटिंग हुई जिसमें 269 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में और 198 सांसदों ने विरोध में वोट डाला। विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाएगा।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा में विधेयक किया। विपक्ष के विधेयक का घोर विरोध किया। विपक्ष के विरोध के कारण सदन में मतविभाजन हुआ। पहली बार नए सदन में किसी विधेयक पर इलेक्ट्रॉनिक मत विभाजन हुआ।

विधेयक के पक्ष में 269  और विरोध में 198 मत पड़े। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब मंत्रिमंडल में चर्चा के लिए विधेयक आया था, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं मंशा जताई थी कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के विचार के लिए भेजा जाना चाहिए। 

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह संविधान के मूल ढांचे पर हमला है तथा देश को तानाशाही की तरफ ले जाने वाला कदम है।

उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए।  कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से संबंधित प्रस्तावित विधेयक राज्यों की शक्तियों को छीनने वाला नहीं है, बल्कि यह विधेयक पूरी तरह संविधान सम्मत है। उन्होंने विधेयक को जेपीसी के पास भेजने की विपक्ष की मांग पर भी सहमति जताई।

विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक बुनियादी ढांचे पर हमला है और इस सदन के विधायी अधिकार क्षेत्र से परे है।

उन्होंने कहा कि भारत राज्यों का संघ है और ऐसे में केंद्रीकरण का यह प्रयास पूरी तरह संविधान विरोधी है। 

उन्होंने आग्रह किया कि इस विधेयक को वापस लिया जाना चाहिए।  विधेयक का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने दावा किया, यह संविधान की मूल भावना को खत्म करने का प्रयास है और तानाशाही की तरफ ले जाने वाला कदम है।

भाजपा के 20 सांसद रहे गैरहाजिर, 'कारण बताओ नोटिस' होगा जारी

भाजपा अपने 20 सांसदों को कारण बताओं नोटिस जारी करेगी। ये सांसद मंगलवार को एक देश एक चुनाव विधेयक पेश करते वक्त गैर हाजिर थे। लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक करने के लिए विपक्ष ने वोटिंग की जिद की।

जिसके कारण मत विभाजन कराना पड़ा। पार्टी ने उन 20 सांसदों की पहचान की है जो सदन में नहीं थे। 

इस लोकसभा में एनडीए के 292 सदस्य हैं। जिनमें भाजपा के 240 सदस्य हैं। भाजपा ने सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया था।

दो तिहाई मतों को जुगाड़ कैसे करेगी सरकार

एक देश एक चुनाव के लिए संविधान 129वां संशोधन विधेयक पारित करने के लिए दो तिहाई वोटों की जरूरत है। इस वक्त मोदी सरकार के पास दो तिहाई बहुमत नहीं है। सरकार को क्षेत्रीय दलों के साथ संपर्क करना होगा।

नियम के अनुसार सदन में 461 सदस्यों का हाजिर होना जरूरी है और 307 सांसदों का विधेयक के पक्ष में वोट डालना अनिवार्य है। इस वक्त भाजपा के पास 240 सीटें और जबकि एनडीए के 292 सीटें हैं।

विपक्ष के पास 234 सांसद हैं । आज भी जब विधेयक पेश किया गया तो सरकार के पक्ष में 269 वोट पड़े। यह तो विधेयक को पेश करने के लिए था लेकिन जब संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा तब दो तिहाई मत जरूरी होंगे।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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