सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की अदालतों को किया आगाह, स्त्रियों के प्रति द्वेषपूर्ण टिप्पणियों से बचें

Last Updated 26 Sep 2024 07:26:53 AM IST

मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान बताने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के जज को सुप्रीम कोर्ट ने माफ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफतौर पर कहा कि देश के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता।


सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की अदालतों को किया आगाह

जज ने एक महिला वकील के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जस्टिस वी श्रीशानंद ने माफी मांग ली है। लिहाजा इस मामले को यहीं बंद किया जाता है।

चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और ऋषिकेश रॉय की बेंच ने अदालतों को ऐसी टिप्पणियां करने के खिलाफ सतर्क रहने को कहा जो स्त्रियों के प्रति द्वेषपूर्ण मानी जाएं या किसी खास लैंगिकता या समुदाय के खिलाफ हों। साथ ही अदालत ने कहा कि भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने अदालती कार्यवाही के दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश की आपत्तिजनक टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किए गए मामले की कार्यवाही बंद करते हुए कड़ी टिप्पणियां कीं।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने खुली अदालत में सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांग ली थी। 21 सितंबर को उन्होंने इस संबंध में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा है।

चूंकि जस्टिस श्रीशानंद उसके समक्ष कार्यवाही में कोई पक्षकार नहीं थे तो हम किसी लैंगिकता या समुदाय के किसी वर्ग के संदर्भ में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करने के अलावा कोई टिप्पणी करने से परहेज करते हैं।

अदालत ने कहा कि कार्यवाही के दौरान आकस्मिक टिप्पणियां कुछ हद तक व्यक्तिगत पूर्वाग्रह को प्रतिबिंबित कर सकती हैं, खासकर जब उन्हें लैंगिकता या समुदाय के खिलाफ माना जाए।

इसलिए अदालतों को सतर्क रहना चाहिए कि न्यायिक प्रक्रियाओं के दौरान ऐसी टिप्पणियां न की जाएं, जिन्हें स्त्रियों के प्रति द्वेषपूर्ण या समाज के किसी भी वर्ग के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त माना जाए।

कर्नाटक हाई कोर्ट के महापंजीयक द्वारा सौंपी एक रिपोर्ट के संदर्भ में अदालत ने कहा कि इससे साफ संकेत मिलता है कि सुनवाई के दौरान की गई टिप्पणियां कार्यवाही से असंबंधित थीं और इनसे बचना ही बेहतर था।

अदालत के आदेश सुनाए जाने के बाद अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने टिप्पणियों के बारे में एक्स पर आए कुछ संदेशों का उल्लेख किया और उन्हें पूरी तरह से कटु बताया।

भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता

सीजेआई ने कहा कि अब आपने टिप्पणियों की प्रकृति देखी हैं। हम भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं बुला सकते। क्योंकि यह मूलभूत रूप से देश की क्षेत्रीय अखंडता के विपरीत है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सोशल मीडिया पर नियंत्रण नहीं रखा जा सकता और इससे जुड़ी गोपनीतया इसे बहुत खतरनाक बनाती है। इस पर सीजेआई ने कहा-लेकिन मैं आपको बता दूं कि किसी गलत बात पर पर्दा डालना कोई समाधान नहीं है बल्कि उसका सामना किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसका जवाब कूपमंडूक बने रहना नहीं है। अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया की पहुंच में अदालती कार्यवाहियों की व्यापक रिपोर्टिग शामिल हो गई है तथा देश के ज्यादातर हाई कोटरे ने अब लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियो कांफ्रेंस के लिए नियम अपना लिए हैं।

अदालत ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में न्यायाधीश, वकील और वादियों समेत सभी पक्षकारों को सतर्क रहना होगा कि अदालत में हो रही सुनवाई की पहुंच महज वहां उपस्थिति लोगों तक सीमित नहीं है बल्कि अन्य दर्शकों तक भी उपलब्ध है। 

समय डिजिटल डेस्क
नई दिल्ली


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