श्रीलंका, बांग्लादेश, भारत, नेपाल व भूटान मौसम विज्ञान पर साझा करेंगे ज्ञान

Last Updated 16 Jul 2024 06:41:55 AM IST

भारत में बिम्सटेक देशों के लिए दो सप्ताह की एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।


श्रीलंका, बांग्लादेश, भारत, नेपाल व भूटान मौसम विज्ञान पर साझा करेंगे ज्ञान

इस उच्च स्तरीय कार्यशाला में बिम्सटेक सदस्य देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। इसे मौसम विज्ञान का डेटा आत्मसात करने और पूर्वानुमान सत्यापन तकनीकों में कौशल बढ़ाने और ज्ञान साझा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

कार्यशाला में परस्पर विचार-विमर्श सत्र (इंटरैक्टिव सेशन) और व्यावहारिक प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल हैं। क्षेत्र विशेषज्ञों के साथ इंटरैक्टिव सत्रों का उद्देश्य डेटा को आत्मसात करने और पूर्वानुमान सत्यापन तकनीकों की व्यावहारिक समझ एवं अनुप्रयोग को बढ़ावा देना है। व्यावहारिक प्रशिक्षण विशेष रूप से डब्ल्यूआरएफ (मौसम अनुसंधान और पूर्वानुमान) मॉडल और पूर्वानुमान सत्यापन में सीखने और कौशल को बढ़ाता है। इससे विशेष रूप से पूर्वानुमान, पूर्व चेतावनी प्रणाली और अवलोकन प्रणाली में मानव संसाधन क्षमता निर्माण और वैज्ञानिक ज्ञान साझा करने को बढ़ावा मिलेगा।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के एक अधीनस्थ कार्यालय नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फॉरकास्ट (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) ने 15 से 26 जुलाई तक नोएडा में बिम्सटेक देशों के लिए यह कार्यशाला आयोजित की है। इस उच्च स्तरीय कार्यशाला में संबंधित देशों के राष्ट्रीय जल विज्ञान और मौसम विज्ञान सेवाओं के प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

इस अवसर पर एनसीएमआरडब्ल्यूएफ के प्रमुख डॉ. वी.एस. प्रसाद ने कहा कि “बिम्सटेक देशों में मौसम की स्थिति और समाज को मौसम संबंधी कुशल सेवाएं प्रदान करने की चुनौतियां एक समान हैं। यह कार्यशाला अंतरराष्ट्रीय क्षमता निर्माण, ज्ञान साझाकरण और बिम्सटेक क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाती है। बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) देश तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए एक आवश्यक क्षेत्रीय समूह के रूप में उभरे हैं।

नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फॉरकास्ट (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ), नोएडा में मौसम और जलवायु के लिए बिम्सटेक केंद्र (बीसीडब्ल्यूसी), वैज्ञानिक और तकनीकी संसाधनों को समेकित करने में सहायता करने के साथ ही सभी सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित करता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment