शंभू बॉर्डर बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को लगाई फटकार, कहा- आप हाईवे कैसे बंद कर सकते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर बंद करने को लेकर सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई सरकार हाईवे को कैसे ब्लॉक कर सकती है।
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सरकार का काम यातायात को रेगुलेट करना होता है। उसका काम हाईवे बंद करना नहीं होता है।
अपनी विभिन्न मांगों के पक्ष में किसान 13 फरवरी से शंभू बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को खोलने के आदेश दिया है।
बीते छह महीने से संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के पक्ष में दिल्ली की ओर बढ़ने की घोषणा की थी जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।। स्थानीय व्यापारियों ने बॉर्डर के बंद होने से हो रही परेशानियों को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने शंभू बॉर्डर को खोलने की मांग की थी।
शंभू बॉर्डर को खोलने के पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की और हरियाणा सरकार से सवाल भी पूछा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार हाईवे के यातायात को कैसे रोक सकती है। सरकार का काम है कि वह यातायात को नियंत्रित करे। हमारा कहना है कि बॉर्डर को खुला रखा जाए, लेकिन उसको नियंत्रित भी करें।
कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आखिर राज्य सरकार हाई कोर्ट के बॉर्डर को खोलने के आदेश को चुनौती क्यों देना चाहती है। किसान नागरिक हैं, उन्हें भोजन और अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए। वे आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे।
दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे 22 वर्षीय युवक की मौत की न्यायिक जांच के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार की दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की गई है।
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को शंभू बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था। हरियाणा हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि एक हफ्ते के अंदर बैरिकेडिंग हटा कर शंभू बॉर्डर को खोला जाए।
अदालत ने यह भी कहा था कि यदि कानून-व्यवस्था से जुड़े कोई हालात पैदा हों तो राज्य सरकार कानून के अनुसार एहतियाती कार्रवाई कर सकती है। अदालत ने इसी प्रकार के आदेश पंजाब सरकार को भी दिए थे।
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