रूस में सेंट पीटर्सबर्ग के नजदीक तेजी से बहती वोल्खोव नदी में चार भारतीय मेडिकल छात्र डूब गए। रूस में भारतीय छात्रों के लिए यह सबसे भयावह घटना है। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
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अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के रहने वाले हर्षल अनंतराव देसाले, जीशान अशपाक पिंजरी, जिया फिरोज पिंजरी और मलिक गुलामगौस मोहम्मद याकूब वेलिकी नोवगोरोद शहर में यारोस्लाव-द-वाइज नोवगोरोद स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि चारों यहां वोल्खोव नदी में डूब गए, वहीं निशा भूपेश सोनावणे नामक पांचवीं छात्रा को बचा लिया गया।
विदेश मंत्रालय ने छात्रों के डूबने की इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘येरोस्लोव-द-वाइज नोवगोरोद स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे चार भारतीय छात्र एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में वोल्खोव नदी में डूब गए।’’
उसने कहा, ‘‘स्थानीय आपात सेवाओं को अब तक वोल्खोव नदी से दो शव मिले हैं। बाकी दो लापता छात्रों की तलाश जारी है।’’
जीशा और जिया भाई-बहन थे।
स्थानीय खबरों के अनुसार अपनी एक दोस्त को बचाते हुए ये विद्यार्थी डूब गए। इन सभी की उम्र 18 से 20 साल थी।
जीशान और जिया महाराष्ट्र के जलगांव जिले में अमलनेर के रहने वाले थे। हर्षल इसी जिले के भदगांव का रहने वाला था।
जलगांव के जिलाधिकारी आयुष प्रसाद ने कहा कि शवों को भारत लाने के बंदोबस्त किए जा रहे हैं।
मास्को में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हम शवों को जल्द से जल्द परिजनों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। जिस छात्रा की जान बचाई गई है, उसका उचित इलाज किया जा रहा है।’’
सेंट पीटर्सबर्ग में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने कहा कि ये छात्र वेलिकी की नोवगोरोद स्टेट यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। उसने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘शोक-संतप्त परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं।’’
उसने बताया कि परिजनों तक शव जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए वेलिकी नोवगोरोद के स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क बना हुआ है।
महा वाणिज्य दूतावास ने कहा, ‘‘शोक-संतप्त परिवारों से संपर्क किया गया है और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है।’’
जीशान के परिवार के एक सदस्य ने स्थानीय मीडिया को बताया, ‘‘जब वे वोल्खोव नदी में घुसे तो जीशान अपने परिजनों के साथ वीडियो कॉल पर था। उसके पिता और अन्य परिजन जीशान और अन्य छात्रों से बार-बार नदी से बाहर निकलने को कह रहे थे तभी एक जोरदार लहर आई और वे गहरे पानी में चले गए।’’
रूस में भारतीय दूतावास को दिए एक संदेश में विश्वविद्यालय ने घटना पर दुख जताया।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘छात्र शाम को पढ़ाई के बाद खाली समय में वोल्खोव नदी के किनारे टहल रहे थे। यह हादसा आकस्मिक और अप्रत्याशित था। निशा भूपेश सोनावणे बच गईं। अब वह मेडिकल स्टाफ की देखरेख में हैं।’’
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि उनकी स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं और उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय ने माता-पिता को तुरंत सूचित किया और वर्तमान में रूसी संघ में सभी संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।’’
अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने छात्रों के शवों को भारत भेजने में सहायता के लिए भारतीय राजदूत से अनुरोध किया है।
पिछले साल जून में केरल के रहने वाले एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के दो छात्र रूस में एक झील में डूब गए थे। वे स्मोलेंस्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र थे।
रूस में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र चिकित्सा की पढ़ाई करते हैं।
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