Cauvery dispute : कर्नाटक सरकार शनिवार को कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष समीक्षा याचिका दायर करेगी

Last Updated 30 Sep 2023 07:24:35 AM IST

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया (Karnataka Chief Minister Siddaramaiah) ने कहा कि राज्य सरकार कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (Cauvery Water Management Authority) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर करेगी।


कावेरी विवाद : कर्नाटक सरकार शनिवार को कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष समीक्षा याचिका दायर करेगी

कर्नाटक सरकार का कहना है कि राज्य के पास पानी नहीं है, इसलिए वह इसे तमिलनाडु को नहीं दे सकता।

सीएम सिद्दारमैया (Siddaramaiah) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और राज्य के पूर्व महाधिवक्ता के साथ बैठक के बाद अपने गृह कार्यालय 'कृष्णा' में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ''उन्होंने जनता को उनके सहयोग के लिए और संगठनों को शांतिपूर्ण बंद सुनिश्चित करने के लिए बधाई दी।''

 उन अधिकारियों की भी उन्होंने सराहना की जिन्होंने कानून व्यवस्था को बेहतर बनाए रखा, ताकि राज्य में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो। सीएम ने बताया कि बैठक में शामिल हुए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और पूर्व महाधिवक्ता ने अपने अनुभव के आधार पर कुछ राय और सुझाव दिये हैं। उनके सुझावों पर विचार करके आगे निर्णय लिया जाएगा।

 सरकार को विशेष रूप से राज्य की सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में उन्होंने कहा कहा कि एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति बनाने, डेटा संग्रह और सलाहकार कार्य करने का सुझाव दिया गया है। समिति को अंतरराज्यीय जल विवादों के बारे में सरकार को सलाह देनी चाहिए और कानूनी टीम को जानकारी प्रदान करनी चाहिए।

तमिलनाडु को 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के संबंध में दोनों समितियों के समक्ष दलील दी गई कि कर्नाटक पानी नहीं छोड़ सकता क्योंकि उसके पास पानी नहीं है।

सीएम ने कावेरी बोर्ड और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष समीक्षा याचिका दायर करने का भी सुझाव दिया है। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में मेकेदातु योजना के लिए अपनी मांग तेज करेगी और दलील देगी कि तमिलनाडु को इससे कोई समस्या नहीं होगी।

मेकेदातु बैलेंसिंग जलाशय की भंडारण क्षमता 67 टीएमसी होगी, जिसका उपयोग बिजली और पीने के पानी के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सलाह दी गई है कि जब भी कोई समस्या हो तो तमिलनाडु को पानी छोड़ा जा सकता है।

एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जायेगा। एक सवाल में उन्होंने कहा कि कोर्ट की अवमानना तभी होगी जब जानबूझकर आदेश की अवहेलना की जाएगी।

बैठक में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, गृह मंत्री जी. परमेश्वर, कानून मंत्री एच.के. पाटिल, कृषि मंत्री चेलुवरायस्वामी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव गोविंदराजू, राजनीतिक सलाहकार नसीर अहमद और कानूनी सलाहकार पोन्नन्ना उपस्थित थे।

आईएएनएस
बेंगलुरु


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