चीन ने भारत के लिए पेश की है रणनीतिक चुनौती
वायुसेना प्रमुख विवेक राम चौधरी ने बुधवार को कहा कि चीन ने भारत के रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक अधिक महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक चुनौती पेश की है।
चीन ने भारत के लिए पेश की है रणनीतिक चुनौती |
इस पड़ोसी देश की आक्रामक मंशा उसकी वायुसेना के परिचालन के बुनियादी ढांचे में तेजी से वृद्धि में दिखाई देती है।
वायुसेना प्रमुख ने एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, भारत द्वारा दुनिया के सामने एक मजबूत संदेश देने की जरूरत है कि आज देश के पास क्षमता है।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे पास उस स्तर पर प्रतिक्रिया देने की इच्छाशक्ति है जहां हम उचित समझते हैं तथा उकसावे के किसी भी क्षेत्र को हम खुद परिभाषित करते हैं।
उन्होंने कहा, चीन की आधिपत्य और कभी-कभी उलझाने वाली नीतियां भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार और रक्षा दोनों क्षेत्रों में लाभ उठाने के अवसर प्रदान कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान वायुसेना ने अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को उन्नत करना जारी रखा है।
चीनी और पाकिस्तानी वायुसेना दोनों ने उपकरण और बुनियादी ढांचे के मामले में सैन्य क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। उन्होंने कहा, मेरे आकलन में चीन भारत के रणनीतिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक अधिक महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक चुनौती पेश करता है।
उन्होंने कहा, चीन का ‘बढ़ता दायरा’ निश्चित रूप से आर्थिक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को और बढ़ाएगा और यह भारत को अस्थिर सीमाओं से संबंधित मुद्दों पर व्यस्त रखने का प्रयास करेगा।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, चीन की आक्रामक मंशा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में विमान और अतिरिक्त हवाई क्षेत्रों के मामले में उसकी वायुसेना के परिचालन बुनियादी ढांचे में तेजी से वृद्धि में दिखाई दे रही है।
भारत ने कोरोना महामारी से निपटने के साथ उत्तरी सीमा पर गतिरोध के दौरान अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। भारत के सुरक्षा परिदृश्य में बहुआयामी खतरे और चुनौतियां शामिल हैं।
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