Monsoon Session 2021: विपक्ष के हंगामे से हुई शुरुआत, लोकसभा दोपहर 2 बजे तक और राज्यसभा 1 बजे तक स्थगित

Last Updated 20 Jul 2021 11:37:10 AM IST

संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी विपक्षी दलों के हंगामे के साथ कार्यवाही की शुरुआत हुई और लोकसभा को दोपहर दो बजे तक और राज्यसभा को 1 बजे तक स्थगित करना पड़ा।


पेगासस सहित विभिन्न मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की बैठक पहली बार के स्थगन के बाद एक बजे तक स्थगित कर दी गई। इससे पहले, सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने कुछ विषयों पर आसन के समीप आकर नारेबाजी की और सदन की बैठक शुरू होने के पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। बैठक शुरू होने पर विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी बात कहना चाह रहे थे जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे कहा कि यदि वे कुछ कहना चाहते हैं तो पहले नोटिस दें।

 


विपक्ष संसद के मानसून सत्र में सरकार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी मामला, महंगाई समेत विभिन्न विषयों पर घेरने का प्रयास कर रहा है ।

इस बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भाजपा सदस्य जसकौर मीणा के पूरक प्रश्न का उत्तर दिया। विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे प्लेकार्ड लेकर आसन के समीप पहुंच गये।

अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि सदन में तख्तियां लाना नियम प्रक्रिया के तहत उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कल कहा था कि वह हर विषय पर जवाब देने को तैयार है।

उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाकर बैठें और जिन मुद्दों पर भी चर्चा करना चाहते हैं, सरकार उसके लिए तैयार है।

बिरला ने कहा, ‘‘ सरकार हर विषय पर चर्चा की प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुकी है। तो फिर विपक्ष नारेबाजी क्यों कर रहा है। यह उचित नहीं है । जिस विषय पर चर्चा चाहते हैं, उसके लिये नोटिस दें । ’’

हालांकि विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने 11:05 बजे बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों ने तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों समेत कुछ विषयों पर सोमवार को भी लोकसभा में नारेबाजी की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय नहीं कराने दिया। मानसून सत्र के पहले दिन सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी थी।

 

विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा, राज्यसभा की बैठक दोपहर बारह बजे तक स्थगित

जैसे ही सदन की कार्यवाही 12 बजे आरंभ हुई कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने हंगामा प्रारंभ कर दिया। हंगामा कर रहे सदस्यों ने जब नारेबाजी आरंभ की तो उपसभापति हरिवंश ने उन्हें वापस लौटने का आग्रह किया लेकिन उनकी एक ना सुनी गई।

हरिवंश ने कहा, ‘‘आप सदन नहीं चलाना चाहते हैं...आसन के समीप आ गए हैं आप लोग...आप नहीं चाहते कि प्रश्नकाल हो...कृपया अपन-अपनी सीट पर लौट जाएं।’’

हालांकि इसके बावजूद विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।

हंगामे के बीच ही उपसभापति ने कहा कि सभापति के साथ विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक में सहमति बनी है कि एक बजे से कोरोना महामारी पर चर्चा की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘एक बजे से चर्चा होगी...सदन की कार्यवाही एक बजे तक स्थगित की जाती है।’’

इससे पहले, हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल भी नहीं हो पाया।

इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये राजनीतिज्ञों, पत्रकारों सहित कई प्रमुख हस्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।



सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने पेगासस के जरिये कथित जासूसी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है और इस पर तत्काल चर्चा होनी चाहिए, इसलिए उन्होंने उच्च सदन में नियत कामकाज रोक कर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं और नोटिस पर विचार करने के बाद व्यवस्था देंगे। इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेगासस के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर हंगाना शुरू कर दिया।

सभापति ने शून्यकाल चलने देने की अपील करते हुए कहा ‘‘आज 15 सदस्यों ने, कल 17 सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों पर नोटिस दिए। आसन नियम 267 के तहत दिए गए कितने नोटिस पर विचार करेगा? आपको उन सदस्यों को मौका देना चाहिए जिन्होंने शून्यकाल के तहत अपने-अपने मुद्दे उठाने के लिए नोटिस दिए हैं।’’

शर्मा ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न अनिश्चितता की स्थिति के बीच संसद का यह सत्र आयोजित हो रहा है और बैठकों की संख्या सीमित है। उन्होंने कहा कि पेगासस के जरिये कथित जासूसी के मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि यह राष्ट्र हित से जुड़ा मुद्दा है।

इस पर सभापति ने कहा कि राष्ट्र हित और राज्य हित दोनों से जुड़े मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट के अंदर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक यह कहते हुए स्थगित कर दी कि कुछ लोग नहीं चाहते कि सदन चले।

भाषा
नई दिल्ली


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