ट्विटर का कानूनी कवच खत्म
ट्विटर ने बार-बार याद दिलाए जाने के बावजूद आईटी नियमों का पालन न करके और नए दिशानिर्देशों के तहत अनिवार्य प्रमुख कर्मियों की नियुक्ति नहीं करके भारत में मिली कानूनी सुरक्षा खो दी है और अब तीसरा पक्ष गैरकानूनी सामग्री के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा।
ट्विटर का कानूनी कवच खत्म |
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे नए आईटी नियमों के तत्काल अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया था। इस बारे में सरकार ने आगाह किया था कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से प्राप्त छूट गंवा देगा।
सरकार के सूत्रों ने पुष्टि की कि ट्विटर ने दायित्व से उसे मिली छूट गंवा दी है, क्योंकि वह आईटी नियमों का पालन करने और नए दिशानिर्देशों के तहत प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति करने में विफल रहा। सूत्रों ने कहा कि कंपनी द्वारा नामित स्थानीय शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क व्यक्ति भारत में ट्विटर इंक के कर्मचारी नहीं है। इसके अलावा मंत्रालय को मुख्य अनुपालन अधिकारी के नाम या विवरण के बारे में भी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा और उसे मिली कानूनी सुरक्षा नए दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण 26 मई को स्वत: समाप्त हो गई। आईटी नियमों का पालन नहीं करने वाले हर सोशल मीडिया मंच के साथ ऐसा हुआ है। सरकार का पिछले कुछ महीनों में कई बार ट्विटर के साथ विवाद हुआ है। ट्विटर ने हाल में कुछ भाजपा नेताओं के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ करार दिया था। इसके लेकर काफी विवाद छिड़ा है।
आईटी ने मंत्रालय ने पांच जून को कहा था कि इन नियमों के अनुपालन से ट्विटर के इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉ¨गग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती। आईटी मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि ट्विटर ने मुख्य अनुपालन अधिकारी का ब्योरा नहीं दिया है, जो नियमों के तहत यह जरूरी है।
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