अंकों के मूल्यांकन का मानदंड बताएं बोर्ड

Last Updated 04 Jun 2021 09:41:07 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे यह जानकार खुशी है कि सरकार ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। साथ ही उसने सीबीएसई तथा सीआईसीएसई को अंकों के मूल्यांकन के लिए उद्देश्य परक मानदंड दो हफ्तों के भीतर पेश करने का निर्देश दिया है।


उच्चतम न्यायालय

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेरी की पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सीआईएससीई की तरफ से पेश वकील जेके दास से कहा कि वे दो सप्ताह के भीतर मानदंड पेश करें।

पीठ ने कहा, हम खुश हैं कि सरकार ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया है लेकिन हम चाहते हैं कि अंकों के मूल्यांकन के लिए सामान्य मानदंड हमारे समक्ष पेश किया जाए।

पीठ ने स्पष्ट किया कि वह मानदंड पेश करने के लिए और वक्त नहीं देगी, क्योंकि कई छात्र भारत तथा विदेश में कॉलेजों में दाखिले लेंगे।

न्यायालय ने कहा कि वह अंकों के मूल्यांकन के लिए सामान्य मानदंडों पर गौर करेगा ताकि किसी को भी कोई आपत्ति हो तो उसे सुलझाया जा सके। पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता द्वारा बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की मांग के साथ ही यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। न्यायालय महामारी के मद्देनजर सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

भाषा
नई दिल्ली


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