राहत और बचाव में हरसंभव सहयोग कर रहा केंद्र : शाह

Last Updated 10 Feb 2021 03:40:06 AM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि केन्द्र सरकार उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन के कारण हुई तबाही के बाद स्थिति को सामान्य बनाने तथा राहत और बचाव कार्यों में राज्य सरकार के साथ पूरी तरह समन्वय कर सभी जरूरी कदम उठा रही है।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (file photo)

शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में इस हादसे पर स्वत: वक्तव्य देते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार, अब तक 20 लोगों की जानें जा चुकी हैं और 6 लोग घायल हैं। कुल 197 व्यक्ति लापता हैं, जिनमें एनटीपीसी की निर्माणाधीन परियोजना में कार्यरत 139 , ऋषिगंगा परियोजना में कार्यरत 46 कर्मचारियों के अलावा  और 12 ग्रामीण शामिल हैं। राज्य सरकार ने यह सूचना विभिन्न स्रोतों के माध्यम से एकत्रित की है, जिसमें परिवर्तन संभव है।

उन्होंने कहा कि एनटीपीसी परियोजना में कार्यरत 12 व्यक्तियों को एक सुरंग से सुरक्षित बचा लिया गया है। ऋषि गंगा परियोजना में भी 15 व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया गया है। एनटीपीसी परियोजना की एक दूसरी सुरंग में लगभग 25 से 35 लोगों के फंसे होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इन लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है साथ ही साथ लापता व्यक्तियों को ढूंढने का कार्य भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। शाह ने कहा कि राज्य सरकार ने जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए  4 लाख रुपए की सहायता की घोषणा की है। घटनास्थल के नजदीक 13 छोटे गांवों से एक पुल के बह जाने के कारण संपर्क कट गया है। इन गांवों के लिए रसद और जरूरी मेडिकल सामान हेलीकोप्टर द्वारा लगातार पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने बताया है कि बाढ़ से निचले क्षेत्र में कोई खतरा  नहीं है और साथ ही जल स्तर में भी कमी आ रही है। केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां स्थिति पर कड़ी निगाह रखे हुए हैं। 

हादसे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए शाह ने कहा कि रविवार सुबह लगभग 10 बजे, उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा की एक सहायक नदी, ऋषिगंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में एक हिमस्खलन की घटना घटी, जिसके कारण ऋषिगंगा नदी के जलस्तर में अचानक काफी वृद्धि हो गई। ऋषिगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण आई बाढ़ से 13.2 मेगावाट की कार्यरत छोटी जलविद्युत परियोजना बह गई। इस अचानक आई बाढ़ ने निचले क्षेत्र में तपोवन में धौलीगंगा नदी पर स्थित एनटीपीसी की निर्माणाधीन 520 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचाया है।  उन्होंने कहा कि उपग्रह डेटा के अनुसार, ऋषिगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में समुद्रतल से लगभग 5600 मीटर ऊपर स्थित ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ, जो कि लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का था।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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