भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से होने वाली हरकतों को सीमा तक ही सीमित कर दिया : राजनाथ

Last Updated 08 Feb 2021 11:12:22 AM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सभी स्वीकृत राफेल लड़ाकू विमान अप्रैल 2022 तक भारतीय वायु सेना में शामिल कर लिए जाएंगे। इस साल के मार्च तक 7 और राफेल बेड़े में शामिल कर लिए जाएंगे।


'सेना ने पाक की ओर से होने वाली हरकतों को सीमा तक ही सीमित किया'

भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में 11 राफेल लड़ाकू विमान हैं। भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी ने कहा कि फ्रांस से बिना रुके लगातार उड़ान भरते हुए 3 राफेल लड़ाकू विमान 27 जनवरी की रात को भारत पहुंचे थे। इन 3 जेट विमानों के साथ अब तक 8 राफेल विमानों को बेड़े में शामिल कर लिया गया है।

यह राफेल विमानों का तीसरा बैच था। फ्रांस के इस्ट्रेट्स एयर बेस से उड़ान भरने के बाद 7,000 किमी से अधिक की यात्रा कर ये विमान भारत पहुंचे थे और उड़ान के दौरान रास्ते में ही इनमें ईंधन भरा गया था। बता दें कि ये राफेल लड़ाकू विमान फ्रांसीसी कंपनी डसॉ एविएशन द्वारा निर्मित है।

इससे पहले 29 जुलाई, 2020 को भारत को 5 राफेल विमानों का पहला बैच मिला था। इन्हें पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला एयर बेस में 17 'गोल्डन एरो' स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। इसके बाद 3 राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा बैच 4 नवंबर, 2020 को आया था।

बता दें कि भारत ने 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए फ्रांस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। राफेल 4.5 जेनरेशन का विमान है और यह लेटेस्ट हथियार, बेहतर सेंसर और फुली इंटीग्रेटेड आर्किटेक्च र से लैस है। यह एक ओमनी-रोल एयरक्राफ्ट है। इसका मतलब है कि यह एक बार में कम से कम चार मिशन पर काम कर सकता है।

इसके अलावा इस फाइटर जेट में हैमर मिसाइलें भी हैं। यह उल्का पिंड, एससीएएलपी और एमआईसीए जैसी विजुअल रेंज की मिसाइलों से भी लैस होगा। इस कारण दूर से आने वाले टारगेट्स को भी यह देख सकता है।

सेना ने पाकिस्तान की ओर से होने वाली हरकतों को सीमा तक ही सीमित कर दिया

सरकार ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली हरकतों को सीमा तक ही सीमित कर दिया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा ‘‘भारतीय सेना की जितनी सराहना की जाए, कम है क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली हरकतों को सीमा तक सीमित कर दिया है।’’

रक्षा मंत्री ने बताया ‘‘2020 में संघर्ष-विराम उल्लंघन की 4629 घटनाएं हुईं । पाकिस्तान की ओर से इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देने का उद्देश्य भारत में शांति को बाधित करना है।’’

उन्होंने बताया ‘‘पाकिस्तान की ओर से होने वाली संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय पक्ष अपनी ओर से समुचित कदम उठाता है।’’

इसका ब्यौरा देने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में आतंकवादियों का प्रवेश कराने, कई बार भारत में सक्रिय आतंकवादियों को यहां से निकालने के लिए और भारत में शांति की स्थिति को बाधित करने के लिए भी सीमा पार से संघर्ष-विराम का उल्लंघन किया जाता है।’’

सिंह ने बताया ‘‘जहां तक भारत की ओर से की जाने वाली कार्रवाई का सवाल है ... यह तो पाकिस्तान सरकार का दिल ही बता सकता है कि भारत की सेना का प्रत्युत्तर क्या और कैसा है? भारतीय सेना ने उनकी ओर से की जाने वाली गतिविधियों को सीमा तक सीमित कर दिया है।’’

पूरक प्रश्न पूछते हुए सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद ने कहा ‘‘वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान ही संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं क्यों बढ़ी हैं ? क्या इसके लिए विदेश नीति जिम्मेदार है ?’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सीमा जम्मू से लगती है कश्मीर से नहीं। उन्होंने कहा ‘‘ अक्सर कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराई जाती है और जम्मू में संघर्षविराम उल्लंघन होता है। इससे जम्मू के पांच जिलों में खास तौर पर प्रभाव पड़ता है। वहां के लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए।’’

राजनाथ ने बताया ‘‘जान माल के नुकसान पर राज्य सरकार की ओर से मुआवजा देने की परंपरा चली आ रही है। पहले मुआवजे की राशि बहुत ही कम थी। पहले केवल तीन पशुओं के मारे जाने पर मुआवजा दिया जाता था। अब यह राशि बढ़ा दी गई है और हर तरह के नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है।’’

सिंह ने बताया ‘‘ सीमा पर 14,000 से अधिक बंकर बनाने का लक्ष्य रखा गया था जिनमें से अधिकतर बंकर तैयार किए जा चुके हैं। खतरे की आशंका होते ही नागरिकों को अन्यत्र ले जाया जाता है।’’

उन्होंने कहा ‘‘सीमा पार से संघर्षविराम उल्लंघन अक्सर इसलिए किया जाता है क्योंकि उनका भारत में पठानकोट हमला, उरी हमला जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने का इरादा होता है। भारतीय सेनाएं अपनी ओर से सीमा पर पूरी तरह सतर्कता बरतती हैं।’’
 

भाषा
नई दिल्ली


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