PM मोदी ने राज्यसभा में पढ़ी मैथिलीशरण गुप्त की कविता- अरे भारत उठ, आंखें खोल

Last Updated 08 Feb 2021 11:09:51 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है, देश इस पर गर्व कर सकता है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज मिशन मोड में वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। कोरोना काल में विश्व में फार्मेसी हब के रूप में भारत उभर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा, चेचक, पोलियो पहले कितना डरावना लगता था। वैक्सीन के लिए क्या-क्या मेहनत करनी पड़ती थी? आज कम समय में वैक्सीन बनकर तैयार हो गई। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान मेरे देश में चल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में मैथिलीशरण गुप्त की एक प्रेरक कविता की कुछ लाइनें पढ़कर कोरोना काल में मिले अवसरों का लाभ उठाने के लिए भारत की तैयारियों का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है और अपेक्षाएं भी हैं। लोगों में विश्वास है कि भारत दुनिया की भौतिक समस्याओं का समाधान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि, "जब मैं अवसरों की चर्चा कर रहा हूं, तब मैथिलीशरण गुप्त की कविता याद आती है, जिसमें उन्होंने कहा है-अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है, तेरा कर्म क्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखें खोल..। ये मैथिलीशरण गुप्त ने कहा था। लेकिन मैं सोच रहा था कि इस कालखंड में, 21वीं सदी के आरंभ में अगर उन्हें लिखना होता तो क्या लिखते?"

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैथिलीशरण गुप्त की लाइनों की तर्ज पर कहा, "अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा, हर बंदिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़..।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान इस प्रकार की वैश्विक परिस्थितियां बनीं कि किसी का किसी के लिए मदद करना असंभव था। एक देश दूसरे देश की मदद न कर सके, एक राज्य दूसरे राज्य की मदद न कर सके। वैसा माहौल कोरोना में पैदा हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनेक चुनौतियों के बीच राष्ट्रपति का इस दशक का प्रथम भाषण हुआ। जब हम पूरे विश्व पटल की तरफ देखते हैं, युवा मन को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि आज भारत सच्चे अर्थों में अवसरों की भूमि है। अनेक अवसर हमारा इंतजार कर रहे हैं। देश इन अवसरों को कभी जाने नहीं देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, "हम सबके लिए, ये भी एक अवसर है कि आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। यह अपने आप में एक प्रेरक है। हम जहां भी हों, जिस रूप में हों, इस आजादी के 75वें पर्व को प्रेरणा का पर्व मनाना चाहिए। आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है। भारत से अपेक्षाएं हैं। लोगों में विश्वास है कि भारत दुनिया की भौतिक समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज कोरोना ने भारत को दुनिया के साथ रिश्तों में एक नई ताकत दी है। जब कोरोना की वैक्सीन नहीं थी, तब दुनिया में कौन सी दवाई काम करेगी, तब विश्व का ध्यान भारत की दवाइयों पर गया। विश्व में फामेर्सी हब के रूप में भारत उभरकर आया है। डेढ़ सौ देशों मे दवाएं भेजी गईं। वैक्सीन के समय में भी विश्व भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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