संयुक्त किसान मोर्चा ने एक फरवरी का संसद मार्च वापस लिया
गणतंत्र दिवस पर उपद्रव की घटनाओं के बावजूद पंजाब के 32 किसान संगठन अब भी दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन जारी रखना चाहते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक फरवरी का संसद मार्च वापस लिया |
यही वजह है कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में मंगलवार की घटना पर चिंता जताने के साथ प्रमुख किसान नेताओं ने कहा कि अभी कृषि कानून रद्द कराने और एमएसपी कानून जैसी मांगें पूरी नहीं हुई हैं, लिहाजा आंदोलन स्थगित नहीं किया जाएगा।
उपद्रव की घटनाओं पर अफसोस जताने के लिए मोर्चे के नेता 30 जनवरी को महात्मा गांधी के शहीद दिवस पर अनशन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 फरवरी को प्रस्तावित संसद मार्च का अपना कार्यक्रम अब वापस ले लिया है। पंजाब के किसान संगठन अब भी आंदोलन जारी रखने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन उन्हें भी लगता है कि गणतंत्र दिवस की अप्रिय घटनाओं के बाद उन्हें दूसरे राज्यों के किसानों का समर्थन जुटाने में काफी मुश्किल आ सकती है।
किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस एफआईआर की भी बैठक में चर्चा हुई और तय हुआ कि इसके लिए वरिष्ठ वकीलों से परामर्श किया जाएगा। इस बीच बुधवार को कृषि अनुसंधान परिषद सोसाइटी की वाषिर्क बैठक में कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल उपस्थित थे लेकिन उन्होंने न कृषि कानून पर कुछ बोला और न किसानों के साथ आगामी वार्ता को लेकर सरकार की स्थिति स्पष्ट की।
कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने पूछने पर भी कृषि कानून और वार्ता के बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
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