एक्शन में सरकार, बैकफुट पर किसान, 25 FIR, राकेश टिकैत, दर्शनपाल, योगेन्द्र यादव व मेधा पाटकर समेत 37 नेता नामजद

Last Updated 28 Jan 2021 02:23:41 AM IST

गणतंत्र दिवस के दिन लाल किला समेत विभिन्न इलाकों में मचाए गए उत्पात को लेकर पुलिस ने अब तक कुल 25 एफआईआर दर्ज की हैं।


ट्रैक्टर रैली उत्पात : 25 FIR, राकेश टिकैत, दर्शनपाल, योगेन्द्र यादव व मेधा पाटकर समेत 37 नेता नामजद

इनमें योगेन्द्र यादव व भाकियू प्रवक्ता राकेश सिंह टिकैत समेत 37 किसान नेताओं के नाम हैं। दर्ज एफआईआर में डकैती, हत्या की कोशिश, दंगे, लूट, पुलिस की पिस्तौल छीनने, आपराधिक षडयंत्र, ऑर्म्स एक्ट, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सरकारी काम में बाधा डालने के अलावा पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले जैसी करीब 13 धाराएं लगाई गई हैं।  गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो लाल किला सहित दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में उपद्रव की घटनाओं को लेकर वह बेहद गंभीर है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस सहित सभी पड़ोसी राज्यों की पुलिस को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। इस बीच दिल्ली में 26 जनवरी को हुए बवाल की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पांडव नगर, गाजीपुर, सीमापुरी, ज्योति नगर, कीर्ति नगर, पंजाबी बाग, अलीपुर, कोतवाली, बुराडी, आईपी एस्टेट, उत्तम नगर, नजफगढ़ और बाबा हरीदास नगर थाने के अलावा नॉर्थ वेस्ट जिले के आर्दश नगर, मॉडल टाउन में उपद्रवी किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में जिन 37 किसान नेताओं के नाम शामिल हैं उनमें चार प्रमुख नेता हैं- भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत, मेधा पाटकर, नर्मदा बचाओ,  स्वराज इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष योगेंद्र यादव, डॉक्टर दर्शन पाल (बीकेयू क्रांतिकारी दर्शनपाल ग्रुप)।

गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो किसान संगठनों को दिल्ली-एनसीआर के सभी धरना स्थलों को खाली कराने के भी निर्देश जारी किए जा सकते हैं। अगर इसके बाद भी किसान संगठन नहीं मानें, तो सख्त एक्शन से इनकार नहीं किया जा सकता। दिल्ली से सटे हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सभी इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में विशेष फोर्सेज की तैनाती की जा रही है। इस पूरे प्रकरण में अपनों पर भरोसा ने ही सरकार को धोखा दिया और शौर्य की गाथा गाने वाले दिन देश की प्रतिष्ठा का मान-मर्दन कर दिया। इसी भरोसे पर सरकार ने खुफिया रिपोर्ट के बावजूद उन पर नहीं, बल्कि अपने अन्नदाता पर भरोसा किया जिस भरोसे को तार-तार होते विश्व ने देखा।

93 उपद्रवी गिरफ्तार, 200 हिरासत में
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के दौरान लाल किला समेत विभिन्न इलाकों में उपद्रवी किसानों द्वारा मचाये गए उत्पात के बाद बुधवार को पुलिस ने 93 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया और दो सौ प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया है।  फिलहाल पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल को सौंपी गई है। हिंसा के दौरान दिल्ली के अलग अलग इलाकों में हुई हिंसा में 394 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।  हिंसा में सबसे ज्यादा लाल किला में तैनात पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटें लगी हैं। जिसमें से सिर्फ  नॉर्थ जिले के 121 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें एसीपी पहाड़गंज ओपी लेखपाल, बुराड़ी एसएचओ सुरेश कुमार, वजीराबाद एसएचओ पीसी यादव भी शामिल हैं।

आंदोलन से अलग हुए दो किसान संगठन
राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन से दो किसान संगठन बुधवार को अलग हो गए। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ भी हुआ, उससे वह काफी दुखी हैं और उनकी यूनियन ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है। भाकियू (भानु) से जुड़े किसान नोएडा-दिल्ली मार्ग की चिल्ला सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे। ‘ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी’ के वीएम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है, क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है।

इन किसान नेताओं पर भी दर्ज हुई एफआईआर
कुलवंत सिंह संधू (जम्हूरी किसान सभा पंजाब), बूटा सिंह  बुर्जिगल (भारतीय किसान सभा), निर्भय सिंह धुड़ीके (कीर्ति किसान यूनियन, धुड़ीके ग्रुप),  रु ल्दू सिंह (पंजाब किसान यनियन, रु ल्दू ग्रुप),  इंदरजीत सिंह (किसान संघर्ष कमेटी, कोट बुद्धा ग्रुप),  हरजिंदर सिंह टांडा (आजाद किसान संघर्ष कमेटी),  गुरबख्श सिंह (जय किसान आंदोलन),  सतनाम सिंह पन्नू (किसान मजदूर संघर्ष समिति, पिड्डी ग्रुप) , कंवलप्रीत सिंह पन्नू (किसान संघर्ष कमेटी पंजाब),  जोगिंदर सिंह उग्राहा (भारतीय किसान यूनियन उग्राहां), सुरजीत सिंह फूल (भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी), जगजीत सिंह डालेवाल (भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर), हरमीत सिंह कड़ियां (बीकेयू) बलबीर सिंह राजेवाल (भारतीय किसान यूनियन राजेवाल), सतनाम सिंह साहनी, (भारतीय किसान यूनियन, दोआबा), बोघ सिंह मानसा (भारतीय किसान यूनियन मानसा),बलविंदर सिंह औलख (माझा किसान कमेटी) सतनाम सिंह बेहरू (इंडियन फार्मर एसोसिएशन)। बूटा सिंह शादीपुर, (भारतीय किसान मंच), बलदेव सिंह सिरसा (लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी), जगबीर सिंह जाड़ा, (दोआबा किसान समिति), मुकेश चंद्रा (दोआबा किसान संघर्ष कमेटी), सुखपाल सिंह डफ्फर (गन्ना संघर्ष कमेटी), हरपाल सिंह सांघा (आजाद किसान कमेटी दोआब), कृपाल सिंह नाथूवाला (किसान बचाओ मोर्चा), हरिंदर सिंह लाखोवाल, (भारतीय किसान यूनियन लाखोवाल) , प्रेम सिंह भंगू (कुलहिंद किसान फेडरेशन), गुरनाम सिंह चडूनी (भारतीय किसान यूनियन चडूनी) ,  कविता कुमगुटी (महिला किसान अधिकार मंच), रिषिपाल अंबावता (भारतीय किसान यूनियन अंबावता), वीएम सिंह (ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी),  अवीक साहा (जन किसान आंदोलन, स्वराज इंडिया), प्रेम सिंह गहलोत (ऑल इंडिया किसान सभा) के नाम हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो/कुणाल
नई दिल्ली


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