राहुल गांधी की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग

Last Updated 24 Dec 2020 11:59:58 AM IST

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरूवार को राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपकर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।


राहुल की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल

दूसरी तरफ, नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोक लिया और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। 

पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करते हुए राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के बाद कहा कि सरकार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए। इस प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे।       

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज उठाने वालों को आतंकवादी या राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है। राहुल गांधी ने कहा कि अगर किसी दिन मोहन भागवत भी मोदी के खिलाफ हुए तो उनको भी आतंकवादी बता दिया जाएगा।       

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि अब देश में लोकतंत्र नहीं बचा है और यह अब सिर्फ कल्पना में है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये कानून किसान विरोधी हैं और इनसे मजदूरों और किसानों का बहुत नुकसान होने जा रहा है तथा किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़ा है।’’     

गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को यह नहीं सोचना चाहिए कि ये मजदूर और किसान वापस चले जाएंगे। जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक ये किसान पीछे नहीं हटेंगे।’’        उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त सत्र बुलाइए और कानूनों को वापस लीजिए।’’      

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अगर प्रधानमंत्री ने कानून वापस नहीं लिए तो सिर्फ भाजपा और आरएसएस को नहीं, बल्कि देश को नुकसान होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो करोड़ हस्ताक्षरों के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया गया है।

उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय से कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च आरंभ किया जिसे कुछ ही दूरी पर पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस के नेता वहीं बैठ गए और प्रदर्शन किया। बाद में इन नेताओं को हिरासत में लिया गया।      

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, पुलिस प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं को मौके से बस के जरिए मंदिर मार्ग थाने ले गई और कुछ देर बाद सभी को छोड़ दिया गया।      

निषेधाज्ञा भंग करने के आरोप में प्रियंका के साथ कुमारी शैलजा, केसी वेणुगोपाल, पवन कुमार बंसल, दीपेंद्र हुड्डा और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया गया था।


हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका ने कहा, ‘‘अगर हर चीज के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हैं तो सरकार पांच साल तक नहीं चल सकती। जनता के प्रति सरकार की जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार किसानों की आवाज सुनेगी तो इस मामले का हल निकलेगा।        

 

कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए।      

वहीं, राष्ट्रपति भवन तक मार्च से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं एवं सांसदों ने पार्टी मुख्यालय के परिसर में बैठक की। बैठक के दौरान गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा राहुल गांधी के निकट बैठे दिखाई दिए। ये दोनों नेता उन 23 कांग्रेस नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर गत अगस्त महीने में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।

 

भाषा
नई दिल्ली


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