जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव : गुपकर को 96 सीटें मिलीं, भाजपा 70 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी
जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों का गुपकर गठबंधन मंगलवार को कुल 280 में से 244 सीटों के परिणाम आने तक 96 सीटों पर जीत चुका है, वहीं भाजपा 70 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
जम्मू में मंगलवार को जीत की खुशी मनाते भाजपा प्रत्याशी सुरेश शर्मा। |
अभी तक 43 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। कांग्रेस के हिस्से में 21 सीटें आयी हैं।
केन्द्र शासित प्रदेश में डीडीसी का चुनाव 28 नवंबर से शुरू होकर आठ चरणों में पूरा हुआ। अगस्त, 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव है। चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ है।
डीडीसी चुनावों का परिणाम अनुमान के अनुरुप ही दिख रहा है। जम्मू क्षेत्र में भाजपा मजबूती बनाए हुए है वहीं नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन गुपकर का प्रदर्शन कश्मीर घाटी और जम्मू के पीर पंजाल और चेनाब घाटी क्षेत्रों में बेहतर है।
वोटों की गिनती से महज एक दिन पहले प्रशासन ने नईम अख्तर, सरताज मदनी, नीर मंसूर और हिलाल अहमद लोन सहित पीडीपी और नेकां के कई नेताओं को हिरासत में लिया। उन्हें हिरासत में लेने की कोई वजह नहीं बतायी गई है।
ऐसा पहली बार हुआ है जब कश्मीर घाटी में पीडीपी और नेकां के खिलाफ भाजपा को जीत मिली है। भाजपा को घाटी में तीन सीटें मिली हैं।
घाटी में जीत से उत्साहित भाजपा के महासचिव विबोध गुप्ता ने पार्टी के विजेता उम्मीदवारों को, विशेष रूप से घाटी के उम्मीदवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपना विास जताया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा, ‘‘श्रीनगर से भाजपा के तीन उम्मीदवारों को जीत मिली है। यह सत्यापित करता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को केन्द्र शासित प्रदेश के विकास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण पर भरोसा है।’’
लेकिन, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेकां उपाध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि डीडीसी चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर ने गुपकर के पक्ष में वोट दिया है और अनुच्छेद 370 हटाने के केन्द्र के फैसले को खारिज किया।
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