कश्मीर और लद्दाख में 'चिल्लई कलां' शुरू

Last Updated 21 Dec 2020 11:19:05 AM IST

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सोमवार से शुरू हुई कड़ाके की ठंड 'चिल्लई कलां' के कारण शीत लहर की स्थिति बन गई है।


(फाइल फोटो)

सूर्य बादलों में छुपा हुआ है और पेड़ों पर बर्फ जमी हुई है। इस एक महीने के समय में रात के तापमान में कई बार गिरावट आई। वहीं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अधिकतम तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। घाटी में भीषण ठंड के कारण, डल झील, वुलर झील समेत कई अन्य जलाशय जम गए हैं।

पारिस्थितिकी और पर्यावरण से जुड़े वैज्ञानिकों के लिए चिल्लई कलां एक अच्छी और जरूरी अवधि होती है क्योंकि इस अवधि में गिरी बर्फ से ही घाटी और लद्दाख को बारहमासी जलाशयों से पानी मिलता है। गर्मी के महीनों में नदियों, झरनों और झीलों का प्रवाह इस बात पर निर्भर करता है कि इन 40 दिनों की लंबी अवधि में कितनी भारी बर्फबारी हुई है।

40-दिन की इस हड्डियां कंपा देने वाली चिल्लई कलां की ठंड के दौरान जिंदा रहने के लिए कश्मीरी उच्च कैलोरी वाली चीजें खाते हैं, जिसमें 'हरीसा' भी शामिल है। इसे रात के समय आग जलाकर बड़े पात्र में मटन और मसालों से पकाया जाता है।

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "घाटी में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश/बर्फबारी के कारण आज बादल छाए रहेंगे। 31 दिसंबर तक ज्यादा बारिश/ बर्फबारी की उम्मीद नहीं है।"

इस दौरान श्रीनगर में तापमान माइनस 4, पहलगाम में माइनस 4.6 और गुलमर्ग में माइनस 6.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं लद्दाख के लेह शहर में माइनस 14.6, कारगिल में माइनस 20 और द्रास में माइनस 20.5 तापमान था।

जम्मू शहर में 5.8 डिग्री, कटरा में 7, बटोटे में 3.3, बेनिहाल में 1 और भद्रवाह में माइनस 1.2 न्यूनतम तापमान रहा।
 

आईएएनएस
श्रीनगर


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