EPFO के खाताधारक खुद ठीक कर सकेंगे अपना डेटा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ - EPFO) की व्यवस्था को खाताधारकों के लिए सरल बनाने के क्रम में श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने इस बार प्रोफाइल ठीक करने के लिए खाताधारकों की नियोक्ता और ईपीएफओ पर निर्भरता को समाप्त करा दिया है।
EPFO के खाताधारक खुद ठीक कर सकेंगे अपना डेटा |
इसके अलावा केवाईसी वाले खाताधारकों को क्लेम के लिए सीधे आवेदन की सुविधा भी प्रदान की गई है। यह सुविधा उन्हीं खाताधारकों को मिलेगी जिनके यूएन नबंर आधार से जुड़े हुए हैं।
आधार ओटीपी के जरिए खाताधारक ईपीएफ से सम्बंधित दावों के लिए सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
ईपीएफओ को खाताधारक अब शनिवार से अपने यूएन नम्बर वाले खाते में नाम, जन्म तिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, पिता/माता का नाम, वैवाहिक स्थिति, पति/पत्नी का नाम जैसी बातों को खुद सुधार पा रहे हैं।
दरअसल इसके लिए नियोक्ता के सत्यापन या ईपीएफओ के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं रही है। अभी तक खाताधारकों को ऐसी खामियों को ठीक कराने में बड़ी दिक्कत आती थी।
श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया जो ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के भी अध्यक्ष हैं, ने कहा कि ईपीएफओ की पूरी व्यवस्था का सरलीकरण किया जा रहा है। पांच महीने के भीतर खाताधारकों की ईपीएफओ से सम्बंधित सारी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी, क्योंकि पूरे सिस्टम को बड़े पैमाने पर अपडेट किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लगभग 27 % शिकायतें प्रोफाइल और केवाईसी से जुड़ी होती थी और किसी न किसी कारणवश इनका हल मुश्किल बना हुआ था। श्रम मंत्री ने कहा कि अब ऐसी शिकायतों की संख्या में काफी कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि इससे नियोक्ता और कंपनियों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि अब उन्हें इस काम में समय नहीं लगाना पड़ेगा। श्रम मंत्री ने ईपीएफओ से सम्बंधित दूसरी सुविधा के बारे में कहा कि अब ईपीएफओ पोर्टल पर ज्वाइंट डेक्लेरेशन की प्रक्रिया बेहद सरल बना दी गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल उन मामलों में जहां यूएएन को आधार से लिंक नहीं किया गया है, किसी भी सुधार के लिए नियोक्ता के पास भौतिक रूप से मौजूद होना पड़ेगा।
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