किसानों का भारत बंद: कृषि मंत्री तोमर से मिले हरियाणा के सीएम खट्टर, किसान आंदोलन का हल निकालने पर चर्चा
कई दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को सुलझाने की कोशिशों के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके 3, कृष्ण मेनन मार्ग आवास पर मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच पंजाब और हरियाणा के आंदोलनरत किसानों के मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा हुई।
किसानों का आज भारत बंद |
नौ दिसंबर को छठे राउंड की बातचीत से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के बीच हुई मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। दरअसल, पंजाब के किसानों की ओर से शुरू हुए आंदोलन को हरियाणा के कई किसान संगठनों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। यह अलग बात है कि राज्य के करीब एक लाख 20 हजार से अधिक किसानों ने बीते सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए इसे वापस न लेने की मांग की है। हरियाणा में कुछ संगठन आंदोलन के समर्थन में हैं तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं।
इससे पहले मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों किसानों के भारत बंद का असर दिखने लगा है। किसान संगठनों ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम की बात कही है।
मंगलवार सुबह 11 बजे गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने गाजियाबाद मेरठ एक्सप्रेस-वे पर धरना दिया, जिसके चलते हाई-वे पर चल रही गाड़ियों को वापस लौटना पड़ा। हालांकि इस दौरान एम्बुलेंस को किसानों ने जगह देकर उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक जाने दिया।
किसान नेता बी.एम. सिंह भी गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं, वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी बॉर्डर पर मौजूद हैं। बी.एम. सिंह ने कहा कि, किसान मेरा हौसला बढ़ा रहा है, सरकार को कहना चाहूंगा कि ये उत्तप्रदेश के किसानों का सिर्फ एक ट्रेलर है।
सरकार को उत्तरप्रदेश के किसानों से भी बात करनी होगी, हमें एमएसपी की गारंटी चाहिए। उत्तरप्रदेश के किसानों का ये प्रदर्शन चलता रहेगा।
गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से आए किसान मौजूद हैं जो कि कृषि कानून के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
किसानों के भारत बंद को देखते हुए बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है जो कि हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। करीब 400 की संख्या में बॉर्डर पर पुलिस बल तैनात है। साथ ही पुलिस ड्रोन से किसानों पर निगरानी बनाए हुए हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सिंघू बॉर्डर पर केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने के बाद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। हालांकि पुलिस ने पार्टी के दावों को खारिज किया है।
केजरीवाल ने सिंघू बॉडर्र पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से सोमवार को मुलाकात की थी।
आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को नजरबंद कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘गृह मंत्रालय के निर्देश पर, दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिलने के बाद से ही नजरबंद कर दिया है। किसी को भी उनके आवास जाने या वहां से किसी को बाहर आने की अनुमति नहीं है। हमारे विधायकों की पिटाई की गई। वहां कई अवरोधक लगाए गए हैं और घरेलू सहायिका को भी घर के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा।’’
No one is allowed to go inside, he is not allowed to come out. MLAs, who had a meeting with CM yesterday, were beaten up by Police when they went to meet him. Workers were not allowed to meet him either. BJP leaders are being made to sit outside his residence: Saurabh Bharadwaj https://t.co/uuz6HrR6xd
— ANI (@ANI) December 8, 2020
भारद्वाज ने कहा, ‘‘ हम सब मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे की मुख्यमंत्री को छोड़ा जाए।’’
इन सभी दावों को खारिज करते हुए, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह सच नहीं है। मुख्यमंत्री कहीं भी आ या जा सकते हैं। हमने उनके आवास के बाहर अपने सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं। बल्कि वह कल शाम भी बाहर आए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लोगों की आवाजाही पर भी कोई रोक नहीं है। भाजपा और आप के सदस्यों के बीच किसी भी संघर्ष को रोकने के लिए हमने एहतियाती तौर पर अपने बल को वहां तैनात किया है।’’
दिन में 11 बजे से लेकर तीन बजे तक चक्का जाम रखने का एलान किया गया है। किसान नेताओं ने हालांकि इस बात की हिदायत दी है कि रोड जाम के दौरान एंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज को बाधित नहीं किया जाएगा।
कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मंगलवार को उनके द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान गाजीपुर के पास दिल्ली-मेरठ हाइवे को अभी भी ब्लॉक कर रखा है। पिछले दस दिनों से दिल्ली-उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए आंदोलनकारी किसानों ने मंगलवार सुबह को एक बार फिर से राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है, जो गाजीपुर के रास्ते दिल्ली को मेरठ संग जोड़ती है। हालांकि, किसानों ने बताया है कि एम्बुलेंस या शादी की बारात जैसे आपातकालीन वाहनों को गुजरने की अनुमति दी जाएगी।
Heavy deployment of security at Singhu border (Haryana-Delhi border). The farmers' protest at the border entered 13th day today.
— ANI (@ANI) December 8, 2020
Farmer Unions have called #BharatBandh today, against the Central Government's #FarmLaws pic.twitter.com/8KA6gam3oJ
देशव्यापी विरोध के बीच उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों के किसान यहां गाजियाबाद सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों ने पिछले चार दिनों से गाजीपुर के पास एनएच-24 को जाम कर रखा है।
कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के एक दिवसीय भारत बंद के आह्वान पर बिहार को बंद करने और चक्का जाम करने के लिए वामदल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और जन अधिकार पार्टी (जाप) के कार्यकर्ता मंगलवार सुबह ही सड़कों पर उतर आए।
बंद को सफल बनाने के लिए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) कार्यकर्ता सुबह-सुबह सड़क पर उतर आए। बाद में अन्य विपक्षी दलों के नेता एवं कार्यकर्ता इस प्रदर्शन से जुड़े। राज्य में जगह-जगह सड़कों पर जाम लगाया, ट्रेनें रोकी गई तो कई जगह उग्र प्रदर्शन भी हुए।
भारत बंद के मद्देनजर चंडीगढ़ का सफर करने वाले कई यात्रियों को हाइवे पर वाहनों के इंतजार में देखा गया। हालांकि यहां सुबह के वक्त ई-रिक्शा को चलते हुए देखा गया। इसी तरह से कई दुकानें भी बंद रहीं। गाजीपुर सब्जी मंडी में भी बहुत कम भीड़ दिखाई दी, जहां आमतौर पर भीड़ रहती है।
Maharashtra: Swabhimani Shetkari Saghtana staged 'Bharat Bandh Rail Roko' protest and briefly stopped a train today in Malkapur of Buldhana dist. They were later removed from the tracks by Police & detained.
— ANI (@ANI) December 8, 2020
Farmer Unions have called #BharatBandh today, over Centre's #FarmLaws pic.twitter.com/syREnd7Iez
केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों का विरोध संसद से शुरू हुआ और अब सड़कों पर है। विपक्ष में शामिल तकरीबन तमाम राजनीतिक दलों ने किसानों के भारत बंद करने का समर्थन किया है।
Andhra Pradesh: Left political parties stage a protest in Vijayawada, in support of today's #BharatBandh called by farmer unions, against Central Government's #FarmLaws. pic.twitter.com/PsbrFNxlaL
— ANI (@ANI) December 8, 2020
इसके अलावा, अनेक ट्रेड यूनियन समेत सब्जी, फल व अन्य रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुओं और सेवाओं से जुड़े कई संगठनों ने किसानों द्वारा किए गए देशव्यापी बंद का समर्थन देने का ऐलान किया है।
ओडिशा में वाहनों की आवाजाही प्रभावित
केंद्र द्वारा पारित तीन नए कृषि किसानों के विरोध में भिन्न राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों द्वारा समर्थित किसानों के मंगलवार को भारत बंद के दौरान विरोध प्रदर्शन जारी है, ऐसे में ओडिशा में वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। यहां के कई हिस्सों में सड़कें वीरान हैं। भुवनेश्वर, राउरकेला, रायगडा सहित कई अन्य जगहों के बस स्टॉप और रेल स्टेशनों पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं, ऐसे में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
Odisha: Left political parties, trade unions and farmer unions stop trains at Bhubaneswar Railway Station.
— ANI (@ANI) December 8, 2020
Farmer Unions have called #BharatBandh today, over Centre's #FarmLaws. pic.twitter.com/C63X69FSlE
कई मार्गों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई हैं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है। किसानों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने राज्य में रेल रोको आंदोलन जारी रखा है, जिससे ट्रेनों की गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं।
भुवनेश्वर में किसान रेलवे स्टेशन, मास्टर कैंटीन स्क्वॉयर और जयदेव विहार स्क्वॉयर में प्रदर्शन कर रहे हैं।
सीपीआई नेता नारायण रेड्डी ने कहा, "भाजपा सरकार किसानों के खिलाफ है। अगर नरेंद्र मोदी लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, तो उन्हें नए कृषि कानूनों को रद्द करना होगा।"
तमिलनाडु में मंगलवार को भारत बंद का खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि काूननों के विरोध में किसानों द्वारा आहूत भारत बंद के बावजूद राज्य परिवहन की बसें चल रही हैं होटल और दुकानें खुली हुई हैं। तमिलनाडु की राजधानी में, सार्वजनिक परिवहन बसें चलती नजर आईं। होटल और दुकानें खुली हैं।
इसी तरह, सरकारी स्वामित्व वाले बैंक और बीमा कंपनियां हमेशा की तरह काम कर रही हैं हालांकि यूनियनों ने किसान बंद का समर्थन किया है।
केंद्र सरकार ने बीते सितंबर महीने में कृषि से जुड़े तीन कानून लागू किए जिनमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के मकसद से लागू किए गए तीन नये कानूनों में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं।
तीनों विधेयकों के संसद में पेश होने से लेकर पारित होने तक दोनों सदनों में इनका विपक्षी दलों के सांसदों ने पुरजोर विरोध किया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लंबे समय से घटक दल के रूप में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी रहे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने भी विधेयकों का विरोध करते हुए राजग से नाता तोड़ लिया। विधेयक पारित होने के बाद ये तीनों कानून जब से लागू हुए हैं तभी से पंजाब और हरियाणा में किसान संगठन इनका विरोध कर रहे है और अब 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर वे डटे हुए हैं।
किसानों के प्रतिनिधियों ने तीनों कानूनों में अनेक खामियां गिनाते हुए सरकार से इन्हें वापस लेने की मांग की हैं, जबकि सरकार ने उन्हें संशोधन करवाने का प्रस्ताव दिया है। किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच इस मसले को लेकर पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं और अगले दौर की वार्ता अब नौ दिसंबर को होगी। लेकिन इससे पहले आज (मंगलवार) को किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मजदूरों से लेकर व्यापारियों तक सबसे भारत बंद में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने लोगों से भारत बंद के दौरान सुबह से लेकर दिन के तीन बजे तक बाजार, दुकान और संस्थान को बंद रखने की अपील की है। भाकियू नेता ने कहा कि उनका किसानों का यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा है और भारत बंद के दौरान भी उन्होंने सबसे शांति बनाए रखने और शरारती तत्वों को इसमें शामिल नहीं होने देने की अपील की है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा है कि अगर कोई शरारती तत्व नजर आता है तो उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दें।
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