चुनाव का समय तय करना आयोग का अधिकार

Last Updated 29 Jul 2020 05:24:53 AM IST

चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव कराने के लिए समय का निर्धारण करना उसका एकमात्र अधिकार है। चुनाव के लिए कम समय निर्धारित किया जाएगा।


चुनाव आयोग

यह तमाम परिस्थितियों का आकलन के बाद केवल आयोग ही तय करेगा। चुनाव को लेकर आयोग के संवैधानिक अधिकार के संबंध में अधिकारियों को बयान से बचना होगा।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद चुनाव को लेकर कुछ अखबारों में छपी खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग ने ऐसे बयानों पर रोक लगाने को कहा है और वह एलजी को याद दिलाना चाहेगा कि संवैधानिक योजनाओं में चुनावों का समय आदि तय करना भारत के चुनाव आयोग का एकमात्र अधिकार है। चुनाव का समय तय करने से पहले, आयोग चुनाव वाले इलाके में वहां की स्थलाकृति, मौसम और क्षेत्रीय तथा स्थानीय उत्सवों से उत्पन्न होने वाली संवेदनशीलता सहित सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखता है।

उदाहरण के तौर पर कोविड-19 के मौजूदा समय, जिसने एक नई विषम स्थिति पैदा कर दी है, को भी नियत समय पर ध्यान में रखा जाना चाहिए। मौजूदा मामले में परिसीमन के नतीजे को भी निर्णय लेते वक्त ध्यान में रखना मुनासिब होगा। आयोग के अनुसार इसी तरह से केंद्रीय पुलिस बलों के परिवहन केंद्रीय बल और रेलवे कोच आदि की उपलब्धता महत्वपूर्ण कारक हैं। यह सब आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सावधानीपूर्वक सोच-विचार के बाद किया जाता है और संबंधित अधिकारियों के साथ गहन परामर्श के बाद विस्तृत आकलन किया जाता है। आयोग स्वयं उन चुनावी राज्यों का दौरा करता है जहां जाना जरूरी होता है और सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करता है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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